कंडोम नहीं है सेफ सेक्‍स की गारंटी, अच्छे वक्त को ऐसे बना देता है बुरा.

सेफ सेक्‍स के लिए अभी तक कॉन्‍डम को सबसे बेहतर माना जा रहा था। इसका इस्‍तेमाल आसान है इसलिए यह सर्वाधिक लोकप्रिय भी है। पर हाल ही में आई एक रिपोर्ट ने लोगों के होश उड़ा दिए हैं। इनमें बड़े ब्रांड्स के भी पांच फीसदी कॉन्‍डम फेल साबित हुए। यह आंकड़ा खासा डराने वाला है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि यौन रोगों और अवांछित गर्भधारण के जोखिम कितने ज्‍यादा बढ़ जाते हैं।

सुरक्षित यौन संबंध और अनचाहे गर्भ से बचने के लिए अगर आप भी कॉन्डम को शत-प्रतिशत सही विकल्प मानते हैं, तो संभल जाइए। हाल में हुई एक जांच में 5 प्रतिशत कॉन्डम असफल पाए गए। इनमें ज्यादातर मामले कॉन्डम का प्रेशर न झेल पाना और लीकेज के हैं।

कॉन्डम की गुणवत्ता जांच और इससे संबंधित दूसरी बातों की जानकारी के लिए एक आरटीआई फाइल की गई थी। इसके एक माह तक देशभर के तमाम ब्रैंड के 411 कॉन्डम के सैंपल लिए गए। सैंपल सेंट्रल ड्रग टेस्टिंग लैब (सीडीएलटी) ने खुद लिए थे। जब इनकी जांच हुई, तो होश उड़ाने वाली बात सामने आई। 411 सैंपल में से 22 कॉन्डम यानी 5 प्रतिशत जांच में फेल हो गए। जांच का आदेश स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने दिया था।

विशेषज्ञों का मानना है कि, ‘इतने बड़े पैमाने पर कॉन्डम का जांच में फेल होना बड़ा मामला है। मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार को इस बारे में जांच का आदेश देना चाहिए।’ एक अन्य कार्यकर्ता ने कहा कि इससे बीमारी फैलने की संभावना के अलावा, फैमिली प्लानिंग भी प्रभावित हो सकती है। एक डॉक्टर ने बताया कि इसके पीछे जांच सेंटर की कमी का होना भी बड़ी वजह है। देश में रोजाना लाखों कॉन्डम का इस्तेमाल होता है, लेकिन इनकी क्वॉलिटी चेक के लिए फिलहाल केवल एक संस्था है।

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