औरंगजेब की कब्र पर महाराष्ट्र का सियासी माहौल गर्म है। एक धड़ा कब्र को हटाने की मांग कर रहा है। नागपुर में इस मामले में हिंसा भी भड़क चुकी है। अब केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने बड़ बयान दिया है। उन्होंने कहा कि मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को हटाया न जाए। उन्होंने सलाह दी है कि छत्रपति संभाजीनगर में छत्रपति संभाजी महाराज का भी स्मारक बना दिया जाए।
कब्र को हटाने से कुछ हल नहीं होगा
रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले) के नेता व केंद्रीय मंत्री अठावले उत्तराखंड की राजधानी देहरादून पहुंचे। यहां उन्होंने राज्य सरकार के सामाजिक कल्याण विभाग द्वारा संचालित केंद्रीय योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि औरंगजेब की कब्र को हटाने से कुछ हल नहीं होगा।
कब्र को मत हटाइए
अठावले ने कहा, “कब्र को मत हटाइए। संभाजीनगर में छत्रपति संभाजी राजे का एक बड़ा स्मारक बनना चाहिए। महाराष्ट्र में विश्व हिंदू परिषद समेत कई नेताओं ने औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग। प्रदेशभर में जगह-जगह धरने प्रदर्शन भी हो चुके हैं। हिंदू संगठनों का आरोप है कि औरंगजेब ने अपने शासनकाल में हिंदुओं पर अत्याचार किया।
संभाजी महाराज की विचारधारा पर आगे बढ़ना है
रामदास अठावले ने आगे कहा कि औरंगजेब की कब्र भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा संरक्षित है। हमें संभाजी महाराज की विचारधारा के साथ आगे बढ़ना है। मगर देश में शांति होनी चाहिए।
हिंदू थे यहां के मुसलमान
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल रहे अठावले ने मुसलमानों से खुद को औरंगजेब के साथ न जोड़ने की अपील की। अठावले ने कहा, “मुस्लिम समुदाय से मेरा अनुरोध है कि आप खुद को औरंगजेब से न जोड़ें। यहां के मुसलमान हिंदू थे। यहां के मुसलमान औरंगजेब की संतान नहीं हैं। उनका उससे कोई संबंध नहीं है।”
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