गुजरात के अहमदाबाद में एक 100 साल की वृद्ध महिला को बिजली चोरी के मामले में अदालत में पेश न होना काफी मंहगा साबित हुआ। अदालत ने उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया। जिसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया और जेल भेज दिया गया। 5 दिन जेल में रहने के बाद उच्च न्यायालय से उन्हें मानवीय आधार पर सशर्त जमानत मिल गई। आरोपी महिला का नाम वसीमाबाई निजामुद्दीन अंसारी है।

पेश न होना पड़ा महँगा
बता दे साल 2014 में अहमदाबाद के एक थाने में वसीमाबाई के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। जांच के बाद विशेष अदालत में चार्जशीट दायर की गई थी। जिसमे वसीमा मामले से जुड़ी सुनवाई के लिए कभी भी अदालत में पेश नहीं हुई। इसी वजह से उन्हें गिरफ्तार करने के लिए वारंट जारी किया गया था। गिरफ्तार करके उन्हें अदालत में पेश किया गया जहां से उन्हें पांच दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया। फिर पांच दिनों के बाद उन्हें जमानत दे दी गई।
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वही इस मामले में अदालत ने टिप्पणी करते हुए कहा, ‘वह अदालती कार्यवाही में उपस्थित न होने के संदर्भ में जो कारण दे रही हैं वह सही नहीं है। मगर उनकी 100 साल की उम्र और स्वास्थ्य कारणों को देखते हुए उन्हें जमानत दी जानी चाहिए।’ महिला की उम्र के कारण सरकारी वकील ने भी जमानत का विरोध नहीं किया। महिला का कहना था कि उसकी उम्र ज्यादा है और वह बिस्तर पर रहती है इसलिए अदालत नहीं आ सकती।
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