प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सियायत के शिखर तक पहुंचने के लिए काशी को चुना था. उन्हें पता था कि काशी सध गया तो देश सध जाएगा. 2014 में ऐसा हुआ भी और नरेंद्र मोदी ने सरकार बना ली. सत्ता में आने के बाद मोदी ने काशी को जापान के धार्मिक शहर क्योटो की शक्ल में ढालने की पहल शुरू की. लेकिन इस बीच मोदी के संसदीय क्षेत्र से ऐतिहासिकों धरोहर को बचाने की आवाज उठ रही है. ये आवाज किसी राजनीतिक दल ने नहीं बल्कि अहिल्याबाई स्मृति संरक्षण समिति ने बुलंद की है. समिति का आरोप है कि अहिल्याबाई होल्कर ट्रस्ट के भवन पर भूमाफिया की निगाहें गड़ गई हैं. इस भवन में रह रहे लोगों को जबरन निकाला जा रहा है. इस बाबत समिति की ओर से पीएमओ, सीएम ऑफिस के अलावा कई संस्थानों में शिकायतें दी गई हैं. अब समिति के लोग मोदी के नामांकन के दिन उनसे मिलने की कोशिश में हैं. पीएम मोदी वाराणसी संसदीय सीट से 26 अप्रैल को नामांकन दाखिल करेंगे.
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