एक नए शोध के अनुसार, एस्पिरिन लेने से हृदय गति रुकने का खतरा 26 प्रतिशत बढ़ जाता है। इसके अलावा धूम्रपान, मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज और हृदय रोग जैसी बीमारियां भी हार्ट अटैक या फेलियर के खतरे को बढ़ाती हैं। हाल ही में ‘ईएससी हार्ट फेलियर जर्नल’ में यह रिपोर्ट पब्लिश हुई है।

इस रिसर्च के लेखक और फ्रीबर्ग विश्वविद्यालय के डॉ ब्लेरिम मुजाज के मुताबिक, “यह इस अध्ययन में यह पहली बार पाया गया कि एस्पिरिन न लेने वालों की तुलना में हार्ट फेलियर का खतरा उन लोगों में ज्यादा था, जो एस्पिरिन दवा लेते थे।
हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अध्ययन में पाए गए इन नतीजों को पुष्टि की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि एस्पिरिन और दिल के दौरे के बीच सीधे कनेक्शन की पुष्टि पर अभी काफी कुछ पता चलना बाकी है। इस विषय पर इसलिए रिसर्च की गई क्योंकि एस्पिरिन के इस्तेमाल और हार्ट फेलियर के बढ़े खतरे को लेकर दुनियाभर के विशेषज्ञ एकमत नहीं है, इसलिए स्टडी में इसकी पड़ताल की गई थी, कि जिन लोगों को कोई हार्ट डिजीज नहीं है, उनमें क्या यह दवा लेने भर से हार्ट फेलियर का खतरा बढ़ता है?
इस रिसर्च में 30,827 व्यक्तियों को शामिल किया गया था। प्रतिभागियों की औसत आयु 67 वर्ष थी और 34 प्रतिशत महिलाएं थीं। एस्पिरिन को लोग माइल्ड फीवर, सर्दी, जुकाम, सिरदर्द जैसी बीमारियों में इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में इस रिसर्च से एक बात तो सामने आई है कि ज्यादा समय तक और हर परेशानी में एस्पिरिन लेने से कहीं न कहीं इसका असर आपके दिल पर पड़ता है। आपको अगर हार्ट अटैक न ही पड़े, तो भी इससे आपको दिल से जुड़ीं बीमारियां हो सकती हैं।
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