एसटीईटी जरूरी, मगर बगैर इसके भी बीपीएससी ने बनाया उच्च माध्यमिक शिक्षक

बीपीएससी के नोटिफिकेशन के अनुसार, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक के अभ्यर्थियों को शिक्षक बनने के लिए एसटीईटी पास होना अनिवार्य है। लेकिन, बगैर इसके उच्च माध्यमिक शिक्षक बने। कट ऑफ जारी होने से ज्यादा ऐसे केस पर हंगामा मचा है।
बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा जारी की गई शिक्षक भर्ती परीक्षा के रिजल्ट पर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं। अब नया मामला सामने आया है। अभ्यर्थी और छात्र नेताओं का आरोप है कि बिना एसटीईटी पास परीक्षार्थियों को भी उच्च माध्यमिक यानी कक्षा 11-12 के लिए पास कर दिया गया है। उन्होंने झारखंड के डाल्टनगंज निवासी मुकेश कुमार सिंह के पास एसटीईटी की डिग्री नहीं है। फिर भी इनका चयन 11-12 के इतिहास शिक्षक के पद पर हो गया। इतना ही नहीं रिजल्ट आने से पहले ही पटना और किशनगंज में डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन में भी सफल बता दिया गया है। जांच में यह बात सामने आई कि मुकेश ने बीटेट की डिग्री 2011 में ली थी। इसी के आधार पर उच्च माध्यमिक शिक्षक पद पर इन्हें परीक्षा देने का मौका मिल गया। जबकि बीपीएससी के नोटिफिकेशन के अनुसार, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक के अभ्यर्थियों को शिक्षक बनने के लिए एसटीईटी पास होना अनिवार्य है।
शिक्षक भर्ती परीक्षा का जारी हुआ कट ऑफ
अभ्यर्थी की लगातार मांग के बाद बीपीएससी ने बुधवार रात को शिक्षक भर्ती परीक्षा का कट ऑफ लिस्ट जारी कर दिया। अभ्यर्थी वेबसाइट पर इसे चेक कर सकते हैं। इसमें प्राइमरी टीचर पर पर सामान्य वर्ग का कट ऑफ 67 अंक गया है। वहीं ईडब्ल्यूएस का कट ऑफ 56 है। सामान्य वर्ग की महिला का कट ऑफ 57 तो ईडब्ल्यूएस महिला का कट ऑफ 48 है। ईबीसी का कट ऑफ 55 तो उर्दू में सामान्य का कट ऑफ 54 है। वहीं माध्यमिक में हिन्दी विषय का विषय का कट ऑफ 55 गया है। हिन्दी ईडब्ल्यूएस में 48 और महिला कैटेगरी में कट ऑफ मार्क्स 39 गया है। सोशल साइंस में जनरल कैटेगरी में कट ऑफ 74 गया है। वहीं वहीं उच्च माध्यमिक में हिन्दी विषय में सामान्य वर्ग का कट ऑफ 39 गया है।

कई लोगों ने फर्जी तरीके से अपना डॉक्यूमेंट बनवा कर नौकरी ली
छात्र नेता दिलीप कुमार ने कहा कि 2019 ने कहा कि जब एसटीईटी परीक्षा हुई थी तो उसमें बिहार के बाहर के लोग परीक्षा नहीं दे पाए थे। डोमिसाइल नीति लागू नहीं थी। शिक्षक भर्ती परीक्षा में कैसे बिहार के बाहर के कई लोगों को ज्वाइनिंग लेटर दे दिया गया है। बिहार के भी कई ऐसे लोग हैं, जिन्होंने फर्जी तरीके से अपना डॉक्यूमेंट बनवाया। बीपीएससी ने उनका भी रिजल्ट दे दिया है। बीपीएससी से मांग है कि इनकी जांच करें और इन पर कार्रवाई करे। साथ ही दूसरी मेधा सूची जारी करें। छात्र नेता दिलीप ने कहा कि बीपीएससी अध्यक्ष अतुल प्रसाद से मिलकर वापस आने के बाद प्रशासन द्वारा अनावश्यक रूप से हमला किया गया। यह दुखद है। ऐसा लग रहा था कि यह लोग साजिशन लाठीचार्ज कर रहे थे।

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