भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राजकीय दौरे को लेकर अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि इस राजकीय यात्रा को भारत-अमेरिका संबंधों में एक साहसिक नए अध्याय की शुरुआत के रूप में याद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि दोनों देश मिलकर कई बड़े खतरों का सामना करने के लिए तैयार है।
भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राजकीय यात्रा को इतिहास में के पन्नों में दर्ज किया जाएगा और भारत-अमेरिका संबंधों में एक साहसिक नए अध्याय की शुरुआत के रूप में याद किया जाएगा।
उन्होंने यह भी कहा कि यह दोनों देशों के बीच रिश्ते आम रिश्ते से कई ज्यादा बढ़कर है। “यह दोस्ती है, सच्ची है और एक-दूसरे के प्रति गहरी भावना है।”
यह मुलाकात इतिहास के पन्नों में होगा दर्ज
गार्सेटी ने बताया, “मुझे लगता है कि यह यात्रा इतिहास में एक पन्ने पलटने और अमेरिका और भारत के संबंधों में एक साहसिक नए अध्याय की शुरुआत के रूप में दर्ज की जाएगी। यह वर्षों और यहां तक कि दशकों के काम का चरम बिंदु है।”
गार्सेटी ने यह भी कहा कि यह कई उम्मीदों से आगे निकल गया है, चाहे वह प्रधान मंत्री मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच व्यक्तिगत संबंध हो, चाहे वह सरकारों द्वारा किए गए कार्यों की व्यापकता और गहराई हो या चाहे वह लोगों के बीच का संबंध हो। साथ ही, इस मुलाकात ने व्यापारिक नेता और सांस्कृतिक नेता और रोजमर्रा के अमेरिकी और भारतीय के संबंधों की आकांक्षाओं को भी पूरा किया है।
भारत और अमेरिका को आने वाले समय में बहुत कुछ करना है
गार्सेटी ने कहा, “यह वास्तव में भविष्य के बारे में है और मुझे लगता है कि अमेरिका और भारत भविष्य हैं। यह दोनों देश दर्शा रहे हैं कि एक साथ मजबूत होकर और एक दृष्टिकोण दिखाते हुए कि अगर यह रिश्ता गहरा होता है, तो हम सभी के लिए एक अधिक समृद्ध दुनिया कैसे बना सकते हैं।”
उन्होंने कहा कि अगले 25 वर्षों के लिए, भारत और अमेरिका को आज की तुलना में कहीं अधिक तैयारी करनी होगी। उन्होंने कहा, ” भारत और अमेरिका को साथ आकर कई अच्छी चीजें करने की जरूरत है, जिससे आने वाले समय में दूसरे देशों की खतरे के समय मदद की जा सकें।”
गार्सेटी ने कहा कि नई दिल्ली और वाशिंगटन को यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारा सैन्य सहयोग केवल आकांक्षी और सामयिक नहीं है, बल्कि यह बुरे तत्वों के लिए एक वास्तविक निवारक है और कानून-व्यवस्था के शासन के आधार पर एक दुनिया को संरक्षित करने में मदद कर सकता है।”
दोनों नेताओं को एक-दूसरे के साथ मुद्दों को साझा करना पसंद
मोदी और बाइडन के बीच संबंधों पर, गार्सेटी ने कहा कि विश्व नेताओं को एक-दूसरे से बात करने की जरूरत है, “मैंने जो देखा उससे पता चलता है कि वे (मोदी और बाइडन) एक-दूसरे से बात करना पसंद करते हैं। उन्हें एक साथ समय बिताने की जरूरत है, लेकिन उन्हें साथ में समय बिताना भी पसंद है और यह बहुत महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि राजकीय यात्रा के दौरान, राष्ट्रपति बाइडन और गभग छह या सात मौकों पर एक साथ थे और यह अंत तक उतना ही उत्साही और गर्मजोशी भरा था, जितना कि शुरुआती दौर में था।
भारत हमेशा से मेरे लिए प्रेरणा का स्त्रोत रहा
गार्सेटी ने कहा, “जब लोग कहते हैं कि वे भारत को जानते हैं, तो मुझे हमेशा उस पर संदेह होता है। अगर भारत की खूबसूरती की बात करें, तो भारत का व्यंजन, भाषा, रहन-सहन और राजनीति को लेकर लोगों के मत, ये सब मुझे हमेशा से प्रभावित करते हैं। कोई भी देश हमेशा एक आदर्श बनकर नहीं रह सकता है, लेकिन मेरे लिए भारत हमेशा से एक प्रेरणा स्रोत रहा है।”
यहां सबसे बेहतरीन पल बिता रहा
अमेरिकी दूतावास ने भारत में अपने बिताए पलों के लिए कहा, “इससे बेहतर नौकरी मेरे लिए हो ही नहीं सकती थी। मुझे यहां अपने देश का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला है, जो कि मेरी जिंदगी का सबसे बेहतरीन लम्हा है।”
गौरतलब है कि 16 मार्च को, गार्सेटी को अमेरिकी सीनेट द्वारा भारत में देश के अगले राजदूत के रूप में नियुक्त किया गया है।