प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद (प्रोफेसर गुरुदास अग्रवाल) के देहवसान को देश के लिए अपूर्णीय क्षति बताया। उन्होंने एम्स ऋषिकेश के निदेशक के बयान की उच्चस्तरीय जांच की भी मांग की। उन्होंने कहा कि ऋषिकेश एम्स के निदेशक डॉ. रामाकांत का बयान कि स्वामी सानंद अनशन तोडऩा चाहते थे पर किसी दबाव के चलते वह ऐसा नहीं कर पा रहे थे। यह गंभीर मामला है। उन्होंने इस मामले में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के हरिद्वार आने की बात को केवल चर्चा मात्र बताया।
शुक्रवार को श्रीजयराम आश्रम में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। इसके बाद प्रीतम सिंह ने मातृसदन में ब्रह्मलीन संत स्वामी सानंद के फोटो पर माल्यार्पण किया। उन्होंने मातृसदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद से भी मुलाकात की। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि गंगा रक्षा की मांग को लेकर स्वामी सानंद ने 112 दिन अनशन कर अपनी देह त्याग दी, लेकिन सरकार ने उनकी कोई सुध नहीं ली। गंगा के लिए 20 हजार करोड़ की योजना चलाने वाली सरकार को सानंद की बिल्कुल भी फिक्र नहीं रही।
उन्होंने मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि एक तरफ तो सीएम कह रहे है कि वे सानंद के संपर्क में थे और दूसरी तरह सानंद के 112 दिन के अनशन के दौरान सीएम दर्जनों बार हरिद्वार आए, लेकिन उन्होंने कभी सानंद से मुलाकात नहीं की। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का उनकी मांगों को पूरा करने का दावा झूठा है। इस दौरान कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी, पूर्व दर्जाधारी संजय पालीवाल, पुरुषोत्तम शर्मा, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी, राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष संतोष चौहान आदि मौजूद थे।