यमुना एक्सप्रेसवे पर सड़क हादसे में जान गंवाने वाले तीन एम्स डॉक्टरों में से एक की जान बच सकती थी। यह कहना है होश में आए एक घायल डॉक्टर का इसके अलावा भी उन्होंने पूरी घटना का ऐसा मंजर सुनाया जिससे आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे।
यमुना एक्सप्रेसवे पर सड़क हादसे में जान गंवाने तीन डॉक्टरों में से एक हेमबाला की जान बच सकती थी। एम्स के डॉक्टरों का कहना है कि डॉ. हेमबाला सात सवारी वाली इनोवा कार की पीछे वाली सीट पर थीं। उनके साथ डॉ. कैथरीन और डॉ. अभिनवा भी थीं। दुर्घटना के समय हिमबाला आगे की तरफ आकर गिरी थीं। वह एक घंटे तक घायल अवस्था में तड़पती रहीं, लेकिन समय पर ट्रॉमा केयर न मिलने की वजह से उन्होंने दम तोड़ दिया।
एम्स के एक सीनियर रेजीडेंट ने बताया कि हादसे की पूरी जानकारी उन्हें घायल डॉ. जितेंद्र के होश में आने के बाद मिली है। डॉ. जितेंद्र ने उन्हें बताया कि एक्सप्रेसवे पर उनकी गाड़ी के आगे सरियों से लदा ट्रक चल रहा था। ट्रक पर न कोई इंडीकेटर था और न ही कोई बैक लाइट। इनकी कार भी अपनी गति में थी। अचानक ट्रक ने ब्रेक लिया।
हर्षद कुछ समझ पाते, उससे पहले ही उनकी गाड़ी ट्रक में जा घुसी। जितेंद्र ने बताया कि कार यशप्रीत की बुआ की थी। हर्षद उसे चला रहे थे और यशप्रीत आगे बैठे थे। वे और डॉ. महेश बीच वाली सीट पर थे। एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि समय पर ट्रॉमा सुविधा मिलती तो कम से कम डॉ. हिमबाला को बचाया जा सकता था। उन्होंने यह भी बताया कि घटना के करीब तीन घंटे बाद वे अस्पताल पहुंचे।
दौड़े आए परिजन, हर किसी की आंखें हुईं नम
हादसे की जानकारी मिलते ही सभी डॉक्टरों के परिजन रविवार देर शाम तक एम्स पहुंच गए। प्रबंधन ने उनके ठहरने की व्यवस्था गेस्ट हाउस में पहले से करा दी थी। परिजनों को देखकर हर किसी की आंखें नम हो उठीं। यशप्रीत की मां सदमे में नजर आईं, वहीं हिमबाला के चाचा मनमोहन तनेजा ने बताया कि उन्हें टीवी चैनल देखकर दुर्घटना की जानकारी मिली थी। हर्षद के बारे में पता चला है कि वे अपने परिवार में इकलौते थे। उनकी दीदी और जीजा विमान से दिल्ली रात 11 बजे पहुंच रहे हैं। उधर, सूचना मिली है कि मथुरा से एम्स की टीम तीनों शव लेकर देर रात तक पहुंच सकती है।
नड्डा पहुंचे एम्स, परिजनों से मिले
रविवार देर शाम केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा एम्स पहुंचे। उन्होंने सबसे पहले मृतकों के परिजनों से गेस्ट हाउस में पहुंचकर मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने परिजनों के समक्ष दुख भी प्रकट किया। इसके बाद मंत्री नड्डा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह को देखने भी पहुंचे। आनंद सिंह को शुक्रवार को पेट दर्द की वजह से उत्तराखंड से दिल्ली रेफर किया गया था।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal