प्रदेश के सबसे बड़े रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व में शुक्रवार को सैकड़ों की संख्या में काले हिरणों को छोड़ा गया। इन्हें शाजापुर के जंगलों से हेलीकॉप्टर के माध्यम से लाया गया। इस अभियान में दक्षिण अफ्रीका से आई विशेषज्ञ टीम ने भाग लिया। अब ये काले हिरण टाइगर रिजर्व की शोभा बढ़ाएंगे।
पहली बार चला अनोखा अभियान
यह पहली बार हुआ है जब हिरणों का रेस्क्यू हेलीकॉप्टर से किया गया। इस अभियान को सफल बनाने के लिए दक्षिण अफ्रीका की टीम विशेष रूप से भारत आई थी। बताया जा रहा है कि ऐसा अभियान भारत में पहली बार चलाया गया है।
शाजापुर जिले के जंगलों में हजारों की संख्या में काले हिरण मौजूद हैं। पहले वन विभाग ने अपने स्तर पर इन्हें नियंत्रित करने के प्रयास किए, लेकिन सफलता नहीं मिली। दूसरी ओर किसान फसलों को नुकसान पहुंचने से बेहद परेशान थे। काले हिरणों द्वारा फसलों को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाए जाने की समस्या को देखते हुए यह मामला विधानसभा में भी उठाया गया। इसके बाद वन विभाग ने रेस्क्यू अभियान चलाने का निर्णय लिया और दक्षिण अफ्रीका से विशेषज्ञों को बुलाया गया।
ऐसे किया गया रेस्क्यू
अफ्रीकी टीम ने शाजापुर के ग्रामीण इलाकों में बोमा तकनीक और हेलीकॉप्टर की मदद से काले हिरणों को सुरक्षित पकड़ा। इसके बाद उन्हें अन्य पार्कों और वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व में छोड़ा गया। यह अभियान किसानों की फसलों को हिरणों से होने वाले नुकसान को कम करने के उद्देश्य से किया गया है।
वीरांगना रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व के उपवनमंडल अधिकारी बी.पी. तिवारी ने बताया कि शाजापुर जिले से अब तक 153 काले हिरण रिजर्व में लाए जा चुके हैं और आगे भी यह प्रक्रिया जारी रहेगी।
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