एनिमल लवर हैं, गर्मी की छुट्टी में बच्चों को जरूर ले जाएं, इन जगहों पर…

स्कूल खत्म हुए हैं और अब छुट्टियों का मोसम चल रहा है. ऐसे में आप भी अपनी छुट्टियों को कहीं जाने का प्लान कर रहे होंगे. अगर आप भी कुछ ऐसा ही प्लान कर रहे हैं तो हम आपको बता देते हैं छत्तीसगढ़ के कुछ नेशनल पार्क की जानकारी. यह बच्चों के आकर्षण का केंद्र बनते हैं और उन्हें रोमांचित करते हैं.  अगर बच्चे ऐसी ही ट्रिप को पसंद करते हैं तो जानलें वो जगहों के बारे में.

* इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान 
इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान भारत के छत्तीसगढ़ राज्य के बीजापुर जिले में स्थित है. यह दुर्लभ जंगली भैंसे की अंतिम आबादी वाली जगहों में से एक है. इसका क्षेत्रफल 1258 वर्ग किलोमीटर है. यह राष्ट्रीय उद्यान छत्तीसगढ़ राज्य का एकमात्र ‘टाइगर रिजर्व’ है. इंद्रावती नदी के किनारे बसे होने के कारण इसका नाम इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान है. यहां प्रमुख रूप से जंगली भैंसे, बारहसिंगा, बाघ, चीते, नीलगाय, सांभर, जंगली कुत्ते, जंगली सूअर, उड़ने वाली गिलहरियां, साही, बंदर और लंगूर आदि अन्य अनेक जीव-जंतु पाए जाते हैं.

* गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान 
छत्तीसगढ़ राज्य के कोरिया एवं सूरजपुर जिले में स्थित गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान छत्तीसगढ़ शासन के अधिसूचना क्रमांक F-724 व.स.2001 दिनांक 07 अगस्त 2001 द्वारा अस्तित्व में आया. इसके पूर्व 1981 से यह पूर्ववर्ती संजय राष्ट्रीय उद्यान सीधी का भाग था.इसका कुल क्षेत्रफल 1440.705 वर्ग कि.मी. है. यह क्षेत्र 230 30 अक्षांश से 230 53 एवं 810 48 से 820 45 से देशान्त में फैला हुआ है. क्षेत्रफल की दृष्टि से यह प्रदेश का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है.

* कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान 
राष्ट्रीय उद्यान का कुल क्षेत्रफल 200 वर्ग कि.मी. है जो तीरथगढ से लेकर पूर्व ओडिशा सीमा तक फैला है.अत्यंत मनोहारी दृश्यावली अपने अंचल में समेटे, कांगेर घाटी प्रसिद्द आदिवासी संस्कृति स्थली जगदलपुर से मात्र 27 कि.मी. की दूरी पर स्थित है. यह एक ‘बायोस्फीयर रिजर्व’ है. इस पार्क के अंदर पर्यटकों के लिए अनेक आकर्षण हैं. जैसे -कुटुमसार की गुफाएं, कैलाश गुफाए, डंडक की गुफाए और तीर्थगढ़ जलप्रपात.कांगेर धारा और भीमसा धारा,दो सुंदर और अद्भुत पिकनिक रिजॉर्ट हैं.

 

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