हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा सरकार राज्य में प्रदूषण के प्रति बेहद गंभीर है। एनसीआर में जो क्षेत्र प्रदूषण को लेकर हॉटस्पॉट बने हैं उन्हें इससे मुक्त कर ग्रीन हॉटस्पॉट बनाए जाएंगे। राज्य के अन्य हिस्सों में भी प्रदूषण से मुक्ति के लिए कदम उठाए जाएंगे।

मुख्यमंत्री हिसार में गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (जीजेयू) के सभागार में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे हैं। कार्यक्रम में उन्होंंने विधानसभा में पारित किए गए हरियाणा बजट 2022 (Haryana Budget 2022) की ख़ूबियों के बारे में बताया। उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि किस प्रकार बजट बनाया। मुख्यमंत्री ने शिक्षा, कृषि और चिकित्सा क्षेत्र के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में बताया।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि राज्य में फ़र्ज़ी डिग्री वालों पर नकेल कसेंगे। सरकारी स्कूलों का स्तर उठाने के लिए माडल संस्कृति स्कूल खोल रहे हैं। हम सरकारी स्कूलों में प्राइवेट स्कूल से अच्छी शिक्षा देंगे। इसके साथ ही उनके साथ तालमेल बनाएंगे। इसी कारण सरकार गवर्नमेंट पब्लिक पार्टरनशिप के मॉडल लेकर आई है।
मनोहरलाल ने परिवार पहचान पत्र के बारे में भी विस्तार से बताया और कहा कि इससे सरकार ग़रीब परिवारों का उत्थान करेगी। उन्होंने कहा कि समर्थ हरियाणा के तहत कई कदम उठाए गए हैंं पहले सूचना तंत्र कमजोर था। अब आइटी पर जोर दे रहे हैं और हरियाणा में गांव गांव में नेटवर्क पहुंच गया है। हम डेटा बैंक बना रहे हैं। हर परिवार की हमें जानकारी होनी चाहिए ताकि जरूरतमंद की मदद की जा सके।
उन्होंने पंजाब और दिल्ली सरकार पर साधा निशाना साधा। मनोहरलाल ने कहा कि हमारे पड़ोस में दो राज्यों की सरकारों ने जनता को कहा ये मुफ्त दे देंगे वो मुफ्त दे देंगे। सवाल है कि क्या मुफ्त देने से उनका विकास होगा। हम लोगों को फ़्री नहीं देंंगे बल्कि उनको क़ाबिल बनाएंगे।

उन्होंने कहा कि पानी बचाने के लिए सिंचाई में माइक्रो इरीगेशन से हर खेत को पानी देंगे। पानी को बचाने के लिए हमने सिचाई प्रबंधन किया है। लोगों को माइक्रो इरिगेशन पर सरकार ला रही है। इसके लिए सरकार माइक्रो इरिगेशन सेट लगा रही है। हम शिवालिक और अरावली की पहाड़ियों पर चेकडेम बनाने के लिए कह दिया है। अभी तक ये पानी नदियों में चला जाता है। दक्षिण हरियाणा में पानी और पहुंचाएंगे। राज्य में 5000 रिचार्जिंग कुएं बनाएंगे, ताकि पानी की भविष्य में जरूरत पूरी कर सकें।
उन्हाेंने किसानों से खेतों में धान न लगाने की अपील की। किसान दूसरी फ़सल लगाएं। हरियाणा सरकार सब्सिडी देगी। ख़ाली खेत को भी 7000 रु मुआवज़ा देंगे। पीडब्ल्यूडी को नई सड़कों का 50 प्रतिशत राशि या 50 प्रतिशत सड़कों की मरम्मत पर ख़र्च करेंगे।
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