हिसार की लाला लाजपत राय यूनिवर्सिटी के जीव विज्ञान विभाग के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि एड्स की खतरनाक बीमारी इंसानों के अलावा कुत्तों में भी फैल रही है. अगर कुत्तों में यह बीमारी पाई गई तो इलाज न मिलने के कुछ दिन के अंदर ही उनकी मौत हो जाती है. कुत्ते भी एड्स के पॉजिटिव पाए गए हैं.
लुवास के परजीवी विज्ञान विभाग के वैज्ञानिकों ने कुछ पशुओं के सैंपलों की जांच करने के बाद दावा किया है कि एड्स के पॉजिटिव पाए गए हैं. वैज्ञानिकों ने लंबी रिसर्च के बाद पाया है कि कुत्ते, भेड़ और लोमड़ी में एड्स एर्लिचिया नामक परजीवी के कारण होता है. यह चीचड़ के कारण फैलता है.
दुनियाभर में 90 करोड़ कुत्ते हैं. भारत में कुत्तों की संख्या 9 हजार लाख बताई जा रही है. अगर हरियाणा की बात की जाए तो यहां पर करीब 19 लाख कुत्ते हैं. लुवास के परजीवी विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉक्टर सुखदीप वोहरा और वैज्ञानिक डॉक्टर अनिल कुमार नेहरा, डॉक्टर स्नेहिल गुप्ता ने बताया कि अभी तक एड्स बीमारी विदेशी नस्ल के कुत्तों में पाई जाती थी.
इन वैज्ञानिकों का कहना है कि साउथ अफ्रीका में यह बीमारी कुत्तों में ज्यादा है और अब अमेरिका और भारत के कुत्तों में भी फैल रही है. वैज्ञानिकों का कहना है कि भारत के हर राज्य से कुत्तों में एड्स की बीमारी की शिकायतें आ रही हैं.
यह बीमारी पूरे शरीर में फैल जाती है और वारयस के ब्लड में पहुंचने के बाद कुत्ते को प्रभावित करती है. अगर तीन चार दिनों तक इलाज नहीं किया तो कुत्तों की मौत हो जाती है.
लुवास के जीव विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉक्टर सुखदीप वोहरा बताते है कि एड्स पॉजिटिव होने के बाद पशु कमजोर होने लगता है. उसका शारीरिक विकास भी पूरी तरह से रुक जाता है. नाक से ब्लड बहने लगता है. पेट और अंडाशय में सूजन आ जाती है, आंखें भी लाल हो जाती हैं.