अमेरिका में पांच नवंबर को राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने हैं। यहां राष्ट्रपति पद के लिए दो नेताओं जो बाइडन और डोनाल्ड ट्रंप के बीच कड़ा मुकाबला है।
टेस्ला सीईओ एलन मस्क एक बार फिर चर्चाओं में आ गए हैं। उन्होंने सोमवार को गर्भपात प्रतिबंध पर पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रुख के बारे में झूठ बोलने के लिए उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की आलोचना की।
क्या कहा था हैरिस ने?
हैरिस ने सोमवार को सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा था, ‘डोनाल्ड ट्रंप देश में गर्भपात पर प्रतिबंध लगाएंगे। उन्हें रोकने और महिलाओं की प्रजनन स्वतंत्रता को बहाल करने के लिए मैं और राष्ट्रपति जो बाइडन पूरी ताकत लगा देंगे।’
इस दिन होने हैं चुनाव
बता दें, अमेरिका में पांच नवंबर को राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने हैं। ऐसे में सभी राजनीतिक दल अपने प्रचार प्रसार में लगे हुए हैं। यहां राष्ट्रपति पद के लिए दो नेताओं जो बाइडन और डोनाल्ड ट्रंप के बीच कड़ा मुकाबला है। दोनों ही प्रतिद्वंद्वी एक दूसरे पर हमलावर हैं।
हालांकि, उपराष्ट्रपति द्वारा साझा किए गए पोस्ट के साथ कुछ खबरों की लिंक भी थी। लिखा था कि ट्रंप ने बार-बार कहा है कि वह गर्भपात प्रतिबंध पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे।
मस्क का हमला
इसी पर पलटवार करते हुए मस्क ने हैरिस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘राजनेता या कम से कम इंटर्न जो एक्स का इस्तेमाल करते हैं, कब सीखेंगे कि इस मंच पर झूठ बोलना अब काम नहीं करता है?’
इतना ही नहीं गुस्साए मस्क ने हैरिस की पोस्ट पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि ट्रंप ने पिछले हफ्ते बाइडन के साथ हुई अमेरिकी राष्ट्रपति की बहस में स्पष्ट रूप से कहा है कि वह ऐसा नहीं करेंगे।
अमेरिका में गर्भपात पर प्रतिबंध का विषय डेमोक्रेट बाइडन और उनके रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी ट्रंप के बीच राष्ट्रपति चुनाव प्रचार में प्रमुखता से उभरा है।
क्या है सुप्रीम कोर्ट का 2022 का फैसला?
सुप्रीम कोर्ट के जून 2022 के रो बनाम वेड के फैसले बाद इडाहो में गर्भपात को कानून द्वारा अपराध घोषित कर दिया गया था। कानून के मुताबिक, राज्य में गर्भपात करने वाले को दो से पांच साल तक की कैद हो सकती है।
अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने गर्भपात को कानूनी तौर पर मंजूरी देने वाले पांच दशक पुराने ऐतिहासिक रो बनाम वेड फैसले को जून 2022 में पलट दिया था। इसका मतलब था कि अमेरिकी महिलाओं के लिए गर्भपात के हक का कानूनी दर्जा खत्म हो जाएगा।
हालांकि राहत की बात यह है कि अमेरिका के सभी राज्य गर्भपात को लेकर अपने-अपने अलग नियम बना सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि संविधान गर्भपात का अधिकार प्रदान नहीं करता है।
उन्होंने यह भी बताया था कि गर्भपात को विनियमित करने का अधिकार लोगों और उनके चुने हुए प्रतिनिधियों को वापस कर दिया गया है।
बहुमत से लिए गए फैसले को सुनाते हुए न्यायमूर्ति सैमुअल अलिटो ने कहा था कि गर्भपात एक गहरा नैतिक मुद्दा प्रस्तुत करता है, जिस पर अमेरिकी तीव्र परस्पर विरोधी विचार रखते हैं। संविधान प्रत्येक राज्य के नागरिकों को गर्भपात को विनियमित करने या प्रतिबंधित करने से प्रतिबंधित नहीं करता है।
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