एकीकरण का बल के जरिए विरोध ताइवान पर भारी पड़ेगा : चीन

चीन के एक प्रवक्ता ने गुरुवार को चेताया कि ताइवान प्रशासन का एकीकरण का बल के जरिए विरोध करने का प्रयास इस द्वीप को भारी पड़ेगा। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, ताइवान अफेयर्स ऑफिस ऑफ स्टेट काउंसिल के प्रवक्ता एन. फेंगशन ने कहा कि डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी प्रशासन को ‘ताइवान की स्वतंत्रता’ का अपना रुख व अपनी शत्रुतापूर्ण मानसिकता को छोड़ देना चाहिए।

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उन्होंने कहा, “सिर्फ 1992 की आम सहमति के साझा राजनीतिक आधार को मान्यता देकर ही पारस्परिक संबंधों के शांतिपूर्ण विकास को बनाए रखा जा सकता है।”

साल 1992 की आम सहमति एक चीन नीति का प्रतीक है।

प्रवक्ता ने कहा, “ताइवान की स्वतंत्रता की बात करने वाली अलगाववादी ताकतें और उनकी गतिविधियां शांतिपूर्ण विकास व संबंधों के लिए बड़ा खतरा हैं।”

एन ने कहा, चीन ‘ताइवान स्वतंत्रता’ की कट्टर या नरम, किसी भी गतिविधि का विरोध करता है।

चीनी प्रवक्ता का बयान ताइवान के उस सैन्य अभ्यास के बाद आया है जिसमें चीन से आक्रमण की परिकल्पना की गई है।

चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) व कुओमिंतांग (केएमटी) पार्टी के बीच संबंधों पर प्रतिक्रिया देते हुए एन ने कहा कि दोनों पार्टियां 1992 के सहमति का पालन करती हैं और ताइवान की स्वतंत्रता का विरोध करती हैं।

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