एएमयू ने तुर्किये से तोड़े सभी शैक्षिक संबंध; नहीं भेजा जाएगा अलीगढ़ का ताला और हार्डवेयर

पहलगाम आतंकी हमले के बाद शुरू हुए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान का सहयोग करने पर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ने तुर्किये के साथ अपने सभी शैक्षिक संबंध खत्म कर दिए हैं। अब एएमयू का तुर्किये के किसी भी विश्वविद्यालय के साथ कोई संबंध नहीं रहेगा। विवि प्रशासन ने मंत्रणा के बाद शुक्रवार को इसका एलान किया।

अभी तक एएमयू का तुर्किये के साथ पुराना शैक्षिक संबंध रहा है, जो विभिन्न शैक्षणिक आदान-प्रदान कार्यक्रमों से स्पष्ट होता है। बीते कुछ वर्षों में भारत-तुर्किये के संबंधों पर केंद्रित सम्मेलन और कई संयुक्त शोध भी कराए गए हैं। समय-समय पर एएमयू ने अपने परिसर में तुर्किये के शोध विद्वानों और छात्रों की मेहमाननवाजी भी की है। यहां पर उनके कई व्याख्यान और अन्य कार्यक्रम भी हुए हैं। एएमयू ने भारत और तुर्किये के बीच संवाद और समझ को मजबूत करने में भी अहम भूमिका निभाई थी। राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक अनुसंधान जैसे विषयों पर सम्मेलन और चर्चाएं कराईं थीं। इस्तांबुल के आयडिन विश्वविद्यालय और अंकारा स्थित अंकारा मेडिपोल विश्वविद्यालय में एएमयू के शिक्षक और छात्र भ्रमण पर जाते रहे हैं। यहां के शिक्षकों और छात्रों ने वहां के सम्मेलनों में भाग लिया है, लेकिन अब यह सिलसिला खत्म हो गया है।

वर्तमान में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का तुर्किये के साथ किसी भी प्रकार का कोई शैक्षिक अनुबंध नहीं है। पूर्व में क्या रहा, उस पर कोई टिप्पणी नहीं की जा सकती। अब सभी शैक्षिक संबंध समाप्त कर दिए गए हैं।-उमर पीरजादा, जनसंपर्क अधिकारी, एएमयू।

एएमयू में पढ़ाई जाती है तुर्की भाषा
एएमयू के विदेशी भाषा विभाग में तुर्की भाषा का एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स संचालित है। वर्तमान स्थिति में इस कोर्स के संचालन पर किसी प्रकार का प्रभाव नहीं पड़ेगा, क्योंकि यह सिर्फ एक भाषा है, जिसे छात्र सीखते हैं। तुर्की के अलावा फ्रेंच और जर्मन सहित कई देशों की भाषाएं यहां पढ़ाई जाती हैं।

तुर्किये नहीं भेजा जाएगा ताला और हार्डवेयर
तुर्किये से तल्ख हुए भारत के संबंधों के बीच अलीगढ़ के ताला और हार्डवेयर कारोबारियों ने भी वहां से किसी भी तरह का संबंध रखने से इनकार कर दिया है। कारोबारियों का कहना है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्किये ने पाकिस्तान का साथ दिया है, जिसे भारतवासी कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे।

हार्डवेयर कारोबारी वीरेंद्र गोस्वामी ने कहा कि देश के स्वाभिमान से बड़़ा कुछ भी नहीं हो सकता। इसलिए आतंक को पनाह देने वाले पाकिस्तान जैसे देश का समर्थन करने वाले का विरोध होना चाहिए। अलीगढ़ से तुर्किये के लिए हार्डवेयर नहीं भेजा जाएगा। इसी तरह ताला कारोबारी विशाल गुप्ता ने कहा कि तुर्किये का विरोध हर स्तर पर किया जाएगा। यहां से ताला वहां नहीं भेजा जाएगा।

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