लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे स्थित बांगरमऊ कट के पास के पास हरदोई की ओर जा रही वैन टायर फटने के बाद बेकाबू होकर सामने से आ रहे ट्रक से टकरा गई। टक्कर इतनी तेज थी कि तेज धमाके के साथ वैन में आग लग गई। सीएनजी सिलेंडर लगा होने से वैन में आग तेजी से फैल गई। आग का गोला बनी वैन में सवार सात लोग जिंदा जल गए।
ट्रक में भी आग लग गई तो चालक और क्लीनर उसे जलता छोड़कर भाग निकले। पुलिस की सूचना पर पहुंची दलमक की तीन गाड़ियों ने आग को काबू किया तो वैन के भीतर से सात शव मिले। शवों की शिनाख्त कराने की कोशिश की जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सड़क दुर्घटना में लोगों की मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने दिवंगत आत्माओं की शांति की कामना करते हुए मृतकों के शोक संतप्त परिवारीजन के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है।
बांगरमऊ कोतवाली क्षेत्र में लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे के बांगरमऊ कट से 100 मीटर दूर हरदोई-उन्नाव रोड पर रविवार रात एक सवारियों से भरी वैन उन्नाव से हरदोई की ओर जा रही थी। वैन की रफ्तार काफी तेज थी। सामने से भी वाहन तेज रफ्तार में आ रहे थे। इसी दौरान अचानक वैन का अगला टायर फट गया, जिससे वैन अनियंत्रित हो गई। अनियंत्रित वैन सामने से आ रहे ट्रक में भिड़ गई। टक्कर इतनी तेज थी कि वैन में आग लग गई। वैन में लगे सीएनजी गैस सिलेंडर तक आग पहुंचने पर वह आग का गोला बन गई।
पलक झपकते आग से घिरी वैन में सवार लोगों को बाहर निकलने का मौका नहीं मिला और वैन ही उनकी चिता बन गई। ट्रक भी आग की चपेट में आ गया तो उसके चालक और क्लीनर मौके से भाग निकले। उधर से गुजरते वाहन चालकों ने इसकी सूचना फायर ब्रिगेड के साथ पुलिस को दी। सूचना पर पहुंची पुलिस और फायर ब्रिगेड दस्ते ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। आधा घंटे की मशक्कत के बाद आग को काबू किया जा सका। तब तक वैन में सवार लोग जिंदा जल चुके थे।
घटनास्थल पर पहुंचे एसपी विक्रांत वीर ने कंकाल हो चुके शवों को वैन से बाहर निकलवाया। वैन के नंबर की जांच करने पर पुलिस को पता चला कि वह उन्नाव के खजुरिहा बाग मोहल्ला निवासी अंकित बाजपेई पुत्र बाल कृष्ण की थी। वहीं, ट्रक के नंबर से पता चला कि वह मेरठ के सनी गुप्ता का है।
दुर्घटनाग्रस्त ट्रक में सरसों के तेल के डब्बे लदे हुए थे। आग ट्रक के केबिन से होकर पीछे बंधे तिरपाल तक पहुंची और भीतर लदे सरसों के तेल के डब्बों तक पहुंच गई। देखते ही देखते तेल ने भी आग पकड़ ली और पलटें और भयावह हो गईं। इसके चलते वैन में लगी आग में भी तेल ने घी का काम किया और इसे बुझाने में तीन बार दमकल वाहन को पानी भरकर लाना पड़ा और तब जाकर आग पर पूरी तरह से काबू पाया जा सका।
धू-धूकर जल रही वैन में सवार सात लोग चीखते रहे, लेकिन कोई भी उन्हें बचाने की हिम्मत नहीं जुटा सका। आग इतनी भयावह थी कि वे वैन का दरवाजा तक नहीं खोल सके और करीब 20 मिनट तक वैन से चीखने की आवाजें आती रहीं। इसके बाद धीरे-धीरे वैन में चित्कार शांत हो गईं, सभी जिंदा जल गए। करीब डेढ़ घंटे बाद आग बुझने पर वैन का गेट तोड़कर सभी के कंकाल निकाले गए। इस दौरान भीषण जाम लग गया।
बता दें कि 10 जनवरी, 2020 को कन्नौज में बस और ट्रक की भीषण टक्कर के बाद दोनों में आग लग गई थी, जिसमें 20 लाेगाें के जिंदा जल कर मौत हो गई थी। बस फर्रुखाबाद से जयपुर जा रही थी। हादसा इतना भीषण था कि ट्रक का डीजल टैंक फट गया। इससे ट्रक और बस दोनों में आग लग गई। स्लीपर बस में फंसे यात्रियों को निकलने तक का मौका नहीं मिल सका। बस में 45 लोग सवार थे। बचाव दल ने 25 लोगों को बाहर निकाल लिया था। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना था कि बस पूरी तरह से यात्रियों से भरी हुई थी। आग लगने के बाद वहां अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
इसके बाद 12 फरवरी, 2020 की रात को फीरोजाबाद में लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर भीषण हादसे में बस में सवार 14 यात्रियों की मौत हो गई थी। दिल्ली से बिहार जा रही स्लीपर कोच बस नगला खंगर के पास आगे चल रहे ट्राला में टकरा गई थी। पुलिस के पहुंचने तक यात्री बस में फंसे हुए थे और उन्हें निकालने में भारी परेशानी हो रही थी। इसके बाद कटर और क्रेन मंगाकर राहत कार्य शुरू किया। घायलों को एंबुलेंस से सैफई मिनी पीजीआइ भेजा गया। सवारियां दिल्ली के रामलीला मैदान से बिहार के लिए बस में सवार हुई थीं।