नई दिल्ली, अरबपति मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने शनिवार को कहा कि वह विदेशी मुद्रा आधारित बांडों में 5 बिलियन अमरीकी डालर तक जुटाएगी और उससे मौजूदा उधार को निपटाएगी। कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंज को बताया कि कंपनी बोर्ड की वित्त समिति ने शनिवार को अपनी बैठक में “5 बिलियन USD की कुल राशि के लिए एक या अधिक किश्तों में समय-समय पर सीनियर अनसिक्योर्ड यूएस डॉलर-डिनॉमिनेडेड फिक्ड रेट के नोट जारी करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।”
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कंपनी द्वारा कहा गया, “नोट्स जारी करने से होने वाली प्राप्ति का उपयोग मुख्य रूप से मौजूदा उधारों के पुनर्वित्त के लिए लागू कानून के अनुसार किया जाएगा।” बांड की बिक्री किसी भारतीय कंपनी द्वारा इस तरह की सबसे बड़ी उधारी होगी। हालांकि, कंपनी ने बांडों के समय या मूल्य निर्धारण के बारे में ब्योरा नहीं दिया। यह माना जा रहा है कि 10-वर्षीय ऋण यूएस ट्रेजरी बेंचमार्क पर लगभग 110 से 130 आधार अंकों पर पेश किया जा सकता है और 30-वर्षीय ऋण 130 से 140 आधार अंकों पर पेश किया जा सकता है।
अंबानी की फर्म ने अपने डिजिटल और खुदरा उद्यमों का तेजी से विस्तार करते हुए नए ऊर्जा व्यवसाय में प्रवेश करने की महत्वाकांक्षी योजनाओं का भी ऐलान किया है। इसने शुक्रवार को कहा कि इसकी सहायक कंपनी रिलायंस न्यू एनर्जी सोलर लिमिटेड (आरएनईएसएल) ने यूके स्थित सोडियम-आयन बैटरी प्रौद्योगिकी कंपनी फैराडियन को 100 मिलियन जीबीपी के उद्यम मूल्य के अधिग्रहण के लिए निश्चित समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं।
बता दें ब्रिटेन में शेफील्ड और ऑक्सफोर्ड से संचालित सोडियम आयन बैटरी प्रौद्योगिकी का पेटेंट रखने वाली फैराडियन दुनिया की अग्रणी बैटरी प्रौद्योगिकी कंपनियों में से एक है और अब आरएनईएसएल ने भी इसके साथ समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। यह दोनों मिलकर कारोबार को बढ़ाने की योजना बना रही हैं।