उत्तर प्रदेश युवाओं के लिए एक बड़ी खबर है।अभी हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने लेख पाल के पदों पर बंपर भर्तियां निकाली थीं। आपको बता दें कि यो आवेदन 1364 पदों पर हो रही थी। पर उत्तर प्रदेश सरकार ने चकबंदी लेखपाल के 1364 पदों पर सीधी भर्ती की प्रक्रिया को निरस्त करने का फैसला किया है।
इन पदों पर भर्ती के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जनजाति श्रेणी के एक भी पद का विज्ञापन नहीं दिए जाने को गंभीरता से लेते हुए सरकार ने यह कदम उठाया है। वहीं, पूरे प्रकरण की जांच के आदेश भी दिए हैं।
अपर मुख्य सचिव, राजस्व रेणुका कुमार ने प्रदेश के चकबंदी आयुक्त को भेजे पत्र में पूछा है कि अन्य पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जनजाति वर्ग के पदों का विज्ञापन क्यों नहीं दिया गया? अगर सीधी भर्ती के पदों में अन्य पिछड़ा वर्ग व अनुसूचित जनजाति वर्ग का आरक्षण पहले से ही भरा हुआ है तो ऐसा क्यों और किन परिस्थितियों में किया गया? इन बिंदुओं की जांच जरूरी है।
अपर मुख्य सचिव ने चकबंदी आयुक्त को कार्रवाई कर शासन को जानकारी देने के भी निर्देश दिए हैं। शासन ने उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से इस भर्ती प्रक्रिया को तत्काल प्रभाव से रोकने और भर्ती के संबंध में पूर्व में जारी विज्ञापन को निरस्त करने के लिए कहा है।
चकबंदी लेखपाल की सीधी भर्ती के कुल 1364 पदों में अनारक्षित श्रेणी के 1002 और अनुसूचित जाति श्रेणी के 362 पद शामिल थे। लेखपाल भर्ती परीक्षा में ओबीसी का कोटा निर्धारित नहीं किए जाने पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था। उन्होंने भर्ती के लिए जारी किए गए विज्ञापन और ओबीसी की अनदेखी की जांच कराने की मांग की थी।
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