उत्तर प्रदेश कामगार और श्रमिक (सेवायोजन एवं रोजगार) आयोग के गठन का फैसला मंगलवार को कैबिनेट बैठक में करने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नवगठित आयोग की पहली बैठक बुलाई। बैठक में सीएम योगी ने वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना की अध्यक्षता में समिति गठित करने का निर्देश दिया जो जल्द ही कामगारों व श्रमिकों को सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा मुहैया कराने के बारे में सुझाव देगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर बुलाई गई इस बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि आयोग का गठन कामगारों व श्रमिकों के लिए विभिन्न क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर सृजित करना है जिससे उन्हें उनकी योग्यता व क्षमता के अनुरूप काम मिल सके। उन्होंने कहा कि आयोग की बैठक हर महीने होगी। आयोग की राज्य स्तरीय कार्यकारी परिषद की बैठक हर 15 दिन में और जिला स्तरीय समिति की बैठक हर हफ्ते होगी। आयोग के इस त्रिस्तरीय ढांचे में उन्होंने हर स्तर पर नियमित मॉनीटरिंग पर जोर दिया। कहा कि इसके जरिए ही हम आयोग के उद्देश्य की पूर्ति कर सकेंगे।
उत्तर प्रदेश कामगार और श्रमिक आयोग का गठन श्रमिक/कामगार बहनों-भाइयों के परिश्रम व समर्पण को नमन करने का प्रयास है।
आज आयोग की पहली बैठक में इसके उद्देश्यों की पूर्ति हेतु सर्वश्रेष्ठ प्रयासों का संकल्प लिया गया।
हमारा प्रयास है हमारे प्रदेश के हर कामगार के चेहरे पर मुस्कान हो। pic.twitter.com/ZinrJRSega
— Yogi Adityanath (मोदी का परिवार) (@myogiadityanath) June 16, 2020
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना आपदा के कारण बड़ी संख्या में श्रमिक प्रदेश में वापस आए हैं जिनमें से 34 लाख श्रमिकों की स्किल मैपिंग की गई है और उन्हें उनकी क्षमता व योग्यता के अनुसार रोजगार के अवसर मुहैया कराए जा रहे हैं। मनरेगा के तहत 57 लाख से अधिक श्रमिकों को रोजगार दिलाया गया है। विभिन्न उद्योगों में लगभग 40 लाख लोगों को रोजगार के अवसर दिए जा रहे हैं। विभागों के बीच कन्वर्जंस के जरिए 20 लाख श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में पहले से रहने वाले कामगारों श्रमिकों की स्किल मैपिंग का काम किया जाए जिससे भविष्य में उन्हेंं भी रोजगार मुहैया कराया जा सके। बैठक में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना, एमएसएमई मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह, श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य, पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टंडन, कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा, प्रमुख सचिव श्रम सुरेश चंद्र व प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल भी मौजूद थे।
बता दें कि कामगारों और श्रमिकों को सामाजिक व आर्थिक सुरक्षा मुहैया कराने के साथ उनके सर्वांगीण विकास के लिए योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश कामगार और श्रमिक (सेवायोजन एवं रोजगार) आयोग गठित किया है।मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में आयोग के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। उत्तर प्रदेश पहला राज्य है जिसने कामगारों और श्रमिकों के व्यापक हित में आयोग का गठन किया है। मंगलवार को इसका शासनादेश भी जारी हो गया। प्रशासकीय रूप में गठित यह आयोग एक उच्च स्तरीय संस्था होगी जिसका उद्देश्य सरकारी तथा गैर सरकारी क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर सृजित कर प्रदेश के प्रवासी और निवासी कामगारों व श्रमिकों को उनकी क्षमता के अनुरूप रोजगार मुहैया कराना है।