उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रियंका गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया को जिम्मेदारी सौंपी है. प्रियंका को पूर्वांचल और सिंधिया को पश्चिम यूपी की कमान मिली है. दोनों नेता लोकसभावार कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और लोगों से मुलाकात करके जमीनी हकीकत को समझने में जुटे हैं. ऐसे में पार्टी ने सूबे में प्रियंका-सिंधिया के सहयोग के लिए तीन-तीन सहप्रभारी नियुक्त किए हैं.
कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के सहयोग के लिए जुबैर खान, कुमार आशीष और बाजीराव खाडे को सचिव की जिम्मेदारी दी है. इसी तरह से ज्योतिरादित्य सिंधिया के सहयोग के लिए राणा गोस्वामी, धीरज गुर्जर और रोहित चौधरी को सचिव बनाया गया है. जबकि उत्तर प्रदेश के लिए पहले से सचिव की भूमिका निभा रहे नसीब सिंह और प्रकाश जोशी को जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया गया है.
बता दें कि सूबे की 80 लोकसभा सीटों में से प्रियंका गांधी को पूर्वांचल की 41 सीटों और सिंधिया को पश्चिम यूपी की 39 सीटों की जिम्मेदारी सौंपी गई है. प्रियंका-सिंधिया के साथ जिन नेताओं को लगाया गया है उसके जरिए जातीय समीकरण का पूरा ध्यान रखा गया है.
पश्चिम यूपी में जाट और गुर्जर मतदाता काफी अहम भूमिका में हैं. मौजूदा समय में दोनों समुदाय बीजेपी के कोर वोटबैंक बन गए हैं. कांग्रेस इन्हीं वोटों को साधने के लिए टीम बना रही है. सिंधिया के सहयोग के लिए राणा गोस्वामी, धीरज गुर्जर और रोहित चौधरी को लगाया गया है.
वहीं, पूर्वांचल में मुस्लिम, ब्राह्मण और ओबीसी मतदाता काफी सीटों पर निर्णायक भूमिका में हैं. मौजूदा समय में मुस्लिम वोट जहां सपा-बसपा के साथ है. जबकि ब्राह्मण वोट फिलहाल बीजेपी खेमे के साथ जुड़ा हुआ है. ऐसे में कांग्रेस ने प्रियंका के सहयोग के लिए जुबैर खान, कुमार आशीष और बाजीराव खाडे जैसे नेताओं को लगाया है.
बता दें कि प्रियंका के सक्रिय राजनीति में कदम रखने के बाद कांग्रेस ने सपा-बसपा के साथ गठबंधन करने के इरादे को त्याग दिया है. इसके बजाय वो छोटे दलों को अपने साथ मिलाने की रणनीति पर काम कर रही है. इस कड़ी में कांग्रेस ने महान दल के साथ हाथ मिलाया है. इसके अलावा शिवपाल यादव की पार्टी से गठबंधन की संभावना है. जिसके लिए बातचीत हो रही है.
हालांकि कांग्रेस अभी सूबे में अपनी जमीनी स्थिति का अंदाजा लगाने की कोशिश कर रही है. कांग्रेस में दूसरे दलों के नेताओं के शामिल होने का सिलसिला शुरू हो चुका है. खासकर पुराने कांग्रेसी नेता लौट रहे हैं. प्रियंका के लखनऊ दौरे के दौरान कांग्रेस से बीजेपी में जाने वाले अवतार सिंह भड़ाना ने पार्टी में वापसी कर ली है. इसके अलावा कांग्रेस की नजर दूसरे दलों में हाशिए पर चल रहे नेताओं पर भी है.