उत्तर कोरिया की मिसाइलों से रूस के जरिए यूक्रेन पर हमला किए जा रहे हैं। वहीं, मिसाइल में मौजूद कई पार्ट्स अमेरिकी और यूरोपीय कंपनी ने निर्मित किए हैं।
ब्रिटेन स्थित जांच संगठन कॉन्फ्लिक्ट आर्मामेंट रिसर्च या सीएआर ने जनवरी में यूक्रेन के खार्किव से बरामद उत्तर कोरियाई बैलिस्टिक मिसाइल के अवशेषों की जांच की।
जांच में पाया गया कि मिसाइलों में मौजूद 290 पार्ट्स में से 75 प्रतिशत पार्ट्स अमेरिकी कंपनी ने डिजाइन की है। वहीं, 16 प्रतिशत पार्ट्स को यूरोपीय कंपनी द्वारा निर्मित किया गया। 9 प्रतिशत पार्ट्स को एशिया में डिजाइन किया गया।
पश्चिमी देशों से सैन्य सामग्री खरीद रहा उत्तर कोरिया: सीएआर
इससे पहले कॉन्फ्लिक्ट आर्मामेंट रिसर्च ने जानकारी दी थी कि यूक्रेन पर हमला करने के लिए रूस ने जिस ईरान में निर्मित ड्रोन का इस्तेमाल किया था, उस ड्रोन के 82 प्रतिशत पार्ट्स अमेरिका की कंपनी ने तैयार किए थे।
रिसर्च में यह भी जानकारी सामने आई की इन यूक्रेन पर हमले किए जा रहे मिसाइल को 2021 और 2023 के बीच बनाया गया है। वहीं, मिसाइलों को मार्च 2023 के बाद एसेंबल किया गया है।
अमेरिका के प्रतिबंधों का उत्तर कोरिया पर कोई असर नहीं
पश्चिमी देश खासकर अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र ने उत्तर कोरिया पर बैलिस्टिक मिसाइलों के उत्पादन और अन्य तरह के प्रतिबंध लगाए हैं, फिर भी रूस लगातार उत्तर कोरिया के साथ अपने संबंध बेहतर बनाने की कोशिश में जुटा है। यूक्रेन से लड़ने के लिए रूस लगातार ईरान और उत्तर कोरिया से सैन्य सामग्री खरीदता आया है।
सैन्य सामग्रियों का आदान-प्रदान करे रहे रूस- उत्तर कोरिया
अमेरिका ने पिछले महीने पुष्टि की थी कि रूस यूक्रेन के शहरों पर उत्तर कोरियाई मिसाइल दाग रहा है। पेंटागन के महानिरीक्षक द्वारा पिछले सप्ताह प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर कोरिया ने संभवत पिछले वर्ष के दौरान रूस को लाखों राउंड तोपखाने (आर्टिलरी) खरीदे।
वहीं, राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने पिछले महीने कहा था कि रूस से उत्तर कोरिया रूसी लड़ाकू विमान, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, बख्तरबंद वाहन, बैलिस्टिक मिसाइल उत्पादन उपकरण, युद्ध सामग्री और अन्य उन्नत प्रौद्योगिकियों हित सैन्य सहायता भी मांग सकता है।