लॉकडाउन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर बड़ी संख्या में लोग मदद के लिए आगे आकर प्रशासन को खाद्य सामग्री उपलब्ध करा रहे हैं, ताकी उचित माध्यम से जरूरतमंदों तक राहत पहुंच जाए, लेकिन खाद्यान्न वितरण मामले में स्थानीय प्रशासन की लापरवाही सामने आयी है। समय पर आलू नहीं बंटने पर सड़ गया। । प्रशासन ने इसे दान के आलू होने से इनकार करते हुए साजिश बताया है।

शनिवार को ऋषिकेश तहसील में ई-डिस्ट्रिक्ट केंद्र के पीछे जमीन पर पॉलीथिन के बंद पांच छह पैकेट में आलू मिले, जिसमें कुछ खुले आलू जमीन पर बिखरे मिले।तहसील सूत्रों के मुताबिक बड़ी मात्रा में आलू जरूरतमंदों को देने के लिए आए थे, जिसे तहसील के गोदाम में रखा गया। आरोप है कि प्रशासन ने दान में आए आलू गरीबों को बांटने में कोताही बरती, जिससे आलू सड़ने लगा। दुर्गंध आने पर बोरे में बंद आलू को गोदाम से बाहर निकाकर छांटा गया। सड़े आलू ई-डिस्ट्रिक्ट केंद्र के पीछे फेंक दिया, जहां लोगों की आवाजाही बहुत कम रहती है। ताकी प्रशासन की लापरवाही पर पर्दा पड़ जाए।
क्या कहते हैं अधिकारी :
एसडीएम ऋषिकेश प्रेमलाल का कहना है कि जरूरतमंदों के लिए मिलने वाली खाद्य सामग्री में आलू कोई नहीं देता। ई-डिस्ट्रिक्ट केंद्र के पीछे सड़े आलू के पैकेट मिलना हैरानी की बात है। यह किसी कि प्रशासन को बदनाम करने की साजिश है। राशन प्रतिदिन जरूरतमंदों तक पहुंचाया जा रहा है।
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