उत्तराखंड की सरकार ने शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए कुछ कठोर कदम उठाए हैं। जिसके तहत पॉलिटेक्निक के जिन कॉलेजों में छात्र संख्या कम है उन कॉलेजों को बंद कर दिया जाएगा।
कॉलेज बंद करने का चयन शैक्षिक सत्र 2019-20 में हुए प्रवेश के आधार पर होगा। जिन पॉलिटेक्निक कॉलेज में कम छात्र होंगे उन्हें बंद कर दिया जाएगा। सरकार ऐसे कॉलेजों को बंद करने के लिए जरा भी विचार नहीं करेगी। सरकार इय समय केवल शिक्षा के स्तर को सुधारने का प्रयास कर रही है।
प्रदेश में वर्तमान में 70 पॉलिटेक्निक कालेज संचालित हैं। इन कालेजों में शैक्षिक सत्र 2019-20 के लिए 17220 सीटों पर प्रवेश की अंतिम चरण की प्रक्रिया चल रही है।
आल इंडिया काउंसिल फार टेक्नीकल एजूकेशन (एआईसीटीई) के मानकों के अनुरूप कालेजों को चलाने के लिए सरकार ने फैसला लिया है कि कम छात्र संख्या वाले कालेजों को बंद किया जाएगा। यदि किसी कालेज में विभिन्न ट्रेडों में कुल 50 सीटें आवंटित है, लेकिन मात्र 20 छात्रों ने प्रवेश लिया है। ऐसे कालेजों को सरकार बंद कर सकती है।
कालेजों में वर्षों पुराने ट्रेड संचालित किए जा रहे हैं
सरकार का मानना है कि प्रदेश में कई पॉलिटेक्निक कालेजों के पास अपना भवन नहीं है और किराये के भवनों में चल रहे हैं। वहीं, कालेजों में वर्षों पुराने ट्रेड संचालित किए जा रहे हैं। जिन ट्रेडों में प्रशिक्षित युवाओं की उद्योगों में रोजगार के लिए डिमांड नहीं है। पॉलिटेक्निक कालेजों में ऐसे रोजगारपरक कोर्स चलाए जाएंगे। जिनमें रोजगार की ज्यादा संभावनाएं है।
इसके लिए भी तकनीकी शिक्षा विभाग उ
पॉलिटेक्निक कालेजों की संख्या बढ़ाने से बजाए शिक्षा की गुणवत्ता और सुविधाओं उपलब्ध कराने को प्राथमिकता दी जा रही है। जिन कालेजों में प्रवेश लेने वाले छात्रों की संख्या बहुत कम है। ऐसे कालेजों को बंद किया जाएगा। इस संबंध में विभाग प्रस्ताव तैयार कर रहा है।