उत्तराखंड में कोरोना वायरस की दस्तक को दो साल पूरे हो चुके हैं और अब भी यह संक्रमण पूरी तरह थमा नहीं है। इन दो साल में राज्य में चार लाख 36 हजार 622 लोग कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। इनमें से 96 प्रतिशत यानी चार लाख 19 हजार 155 लोग कोरोना को मात देकर स्वस्थ हो गए, जबकि 7689 की मौत हो चुकी है।
अब तक कोरोना की तीन लहर
प्रदेश में कोरोना का पहला मामला 15 मार्च 2020 को मिला था। तब से अब तक कोरोना की तीन लहर आ चुकी हैं। पहली और दूसरी लहर की अपेक्षा तीसरी लहर कम अवधि के लिए रही। तीसरी लहर की शुरुआत में संक्रमण के साथ ही मौत के मामले तेजी से बढ़े, मगर पिछले एक-डेढ़ माह से संक्रमण की रफ्तार काफी हद तक थमी हुई है।
हर सेक्टर कोरोना से प्रभावित
कुल मिलाकर इन दो साल में कोरोना मृत्यु दर 1.76 प्रतिशत, जबकि संक्रमण दर 4.45 प्रतिशत रही। 98 लाख पांच हजार 892 सैंपल जांच के लिए भेजे गए। संक्रमण की पहली और दूसरी लहर में देश-प्रदेश में जिस तरह के हालात बने, उन्हें पटरी पर वापस लौटने में लंबा समय लगा। हर सेक्टर कोरोना से प्रभावित हुआ।
मुसीबतें लंबे समय तक जेहन में रहेंगी
कोरोनाकाल को लंबे समय तक भुलाया नहीं जा सकेगा। पहली लहर में महीनेभर से अधिक समय तक लगे लाकडाउन और इस दौरान की मुसीबतें लंबे समय तक जेहन में रहेंगी। कोरोना के दूसरे चरण में लाकडाउन तो कम दिनों के लिए लगा, मगर दो-तीन माह की इस अवधि में जिस तरह संक्रमित मरीजों की मौत के मामले बढ़े, उसे याद कर हर कोई सिहर जाता है।
आइसीयू व वेंटीलेटर नहीं होने से कई मरीजों ने तोड़ा दम
दूसरी लहर में प्रदेश में रोजाना 100 से अधिक संक्रमित मरीजों की मौत हुई थी। शुरुआत में आक्सीजन की कमी और कोविड अस्पतालों में पर्याप्त आइसीयू व वेंटीलेटर नहीं होने से भी कई मरीजों ने दम तोड़ा।
आम व खास सभी संक्रमण की चपेट में आए। कोरोना से कई स्वास्थ्य कर्मियों की भी मौत हुई। पिछले साल अक्टूबर-नवंबर में दूसरी लहर कमजोर पड़ी, तब राहत महसूस की गई। लेकिन, इस साल की शुरुआत में संक्रमण की तीसरी लहर ने फिर डरा दिया। हालांकि, फिलहाल संक्रमण की रफ्तार थमी हुई है।
दून में 33 प्रतिशत मामले
एसडीसी फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष अनूप नौटियाल ने कोरोना पर साप्ताहिक ब्योरा तैयार किया है। 15 मार्च 2020 से अब तक की उनकी रिपोर्ट बताती है कि प्रदेश में कोरोना से सबसे अधिक मामले 2021 में दो से आठ मई के बीच सामने आए। इन सात दिन में 52 हजार 369 लोग कोरोना संक्रमण की चपेट में आए। इसी वर्ष 16 से 22 मई के बीच मरीजों की रिकवरी दर सबसे अधिक रही। इस दौरान 47 हजार 934 मरीज कोरोना को मात देकर ठीक हुए।
हालांकि, मौत के बढ़ते मामलों ने सभी को झकझोर कर रख दिया। इसी सप्ताह में सबसे अधिक 1111 मरीजों की मौत भी हुई। राज्य के 13 जिलों में देहरादून ऐसा जिला रहा, जहां दो साल में सबसे अधिक 33 प्रतिशत यानी एक लाख 45 हजार 449 लोग संक्रमित मिले। वहीं, 3698 (48 प्रतिशत) लोग की मौत भी कोरोना से यहीं हुई है।