लव जिहाद के मामलों ने उत्तराखंड में चिंता बढ़ा दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी इस पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। पिछले पांच माह में लव जिहाद के करीब 46 मामले सामने आ चुके हैं। लेकिन उत्तरकाशी में हुई घटना ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है।
मुस्लिम व्यापारियों में डर का माहौल
यहां नाबालिक लड़की को भगाने की घटना को 18 दिन बीत गए हैं। लेकिन पुरोला में अभी तक हालात सामान्य नहीं हुए हैं। बल्कि 15 जून को होने वाली प्रस्तावित महापंचायत को लेकर मुस्लिम व्यापारियों में डर का माहौल और अधिक बढ़ गया है। पुलिस प्रशासन भी इस मामले पर अलर्ट है। सोमवार को स्थानीय लोगों के साथ बैठक भी की गई, लेकिन कोई परिणाम नहीं निकला। आइए जानते हैं पूरा घटनाक्रम…
नाबालिग लड़की को भगाने के प्रयास के बाद बढ़ा बवाल
- गत 26 मई को बिजनौर निवासी जितेंद्र सैनी और उवेस खान ने पुरोला में एक नाबालिक लड़की को भगाने का प्रयास किया। जिन्हें स्थानीय लोगों और व्यापारियों ने पकड़ा। जिसके बाद पुरोला में मुस्लिम व्यापारियों के विरुद्ध स्थानीय व्यापारियों और स्थानीय लोगों में आक्रोश बढ़ा और प्रदर्शन का दौर शुरू हो गया।
- पुरोला, बड़कोट, भटवाड़ी में मामले को लेकर प्रदर्शन हुए। प्रदर्शनकारियों ने मुस्लिम व्यापारियों की दुकानों पर धमकी भरे पोस्टर चस्पा कर दिए और उन्हें दुकान खाली करने की धमकी दी। जिसमें लिखा था 15 जून को होने वाली महापंचायत से पहले दुकानें खाली करें।
- तब से अभी तक पुरोला में मुस्लिम व्यापारियों की एक भी दुकान नहीं खुल पाई है। पुरोला में 30 से अधिक दुकानें पिछले 18 दिनों से बंद हैं। जबकि 14 व्यापारियों ने दुकानें खाली कर दी हैं।
- पुरोला में नाबालिग छात्रा को भगा ले जाने और जिले में सौहार्दपूर्ण माहौल को बिगाड़ने को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी गंभीर है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि लव जिहाद और लैंड जिहाद को लेकर प्रदेश सरकार पूरी तरह से सख्त है। देवभूमि में इस तरीके की हरकतों को नहीं होने दिया जाएगा। ऐसे व्यक्तियों के विरुद्ध कार्रवाई भी हो रही हैं। कानून अपना काम कर रहा है। लेकिन, जो सौहार्द व कानून व्यवस्था बिगाड़ने और माहौल खराब करने का प्रयास करेगा, उनसे भी सख्ती से निपटा जाएगा।
- अब 15 जून को महापंचायत बुलाई गई है, जिसे कई संगठनों ने अपना समर्थन दिया है। जिसे देखते हुए पुलिस प्रशासन अलर्ट मोड में आ गया है। वहीं ऑल इंडियास मजलिस इत्तेहादुल मुसलिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी मामले में कूद पड़े। उन्होंने मांग की है कि इस महापंचायत पर फौरन रोक लगाई जाए।
- अब पुरोला में जो मुस्लिम व्यापारी हैं और जिनके अपने मकान हैं, वह भी 15 जून की महापंचायत को देखते हुए कुछ दिन के लिए अपने रिश्तेदारों के घर देहरादून व अन्य स्थानों पर जाने की तैयारी कर रहे हैं।
बैठक में नहीं निकल पाया कोई नतीजा
सोमवार को तनाव शांत करने के लिए जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला और पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी पुरोला गए। जहां देर रात तक शांति व्यवस्था बहाल करने की अपील को लेकर व्यापारियों और हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं की बैठक हुई। लेकिन, बैठक में कोई नतीजा नहीं निकल पाया।