केरल के सीएम पिनराई विजयन ने शनिवार को कहा है कि नीति आयोग ने गत चार वर्षों में “समन्वयक की अत्यंत अपेक्षित भूमिका का निर्वहन” नहीं किया है और शायद वह भूतपूर्व योजना आयोग का विकल्प भी नहीं है। यहां नीति आयोग संचालन परिषद की पांचवी बैठक में अपने भाषण में केरल सीएम पिनाराई विजयन ने कहा है कि राष्ट्रीय स्तर पर योजनाओं को ख़त्म कर देने के बाद प्रदेशों का गाडगिल फार्मूला भी चला गया है जिसके तहत उन्हें पहले योजना की मदद राशि के रूप में अनुदान मिलता था।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा प्रदेशों को अब केंद्र प्रायोजित कई योजनाओं में अधिक हिस्सा देना पड़ता है। पूर्व के औसत 25 फीसद की बजाए अब उन्हें 40 फीसद चुकाना पड़ता है जिसके चलते राज्य सरकारों की राजकोषीय गुंजाइशें घटती जा रही हैं। उन्होंने कहा है कि, ‘मुझे लगता है कि मेरे सहयोगी सीएम मुझसे इस बात पर सहमत होंगे कि नीति आयोग ने अपने वर्तमान रूप में पिछले चार वर्षों में समन्वयक की अपनी अत्यंत अपेक्षित भूमिका नहीं निभाई है।’
आपको बता दें कि बिहार के सीएम नितीश कुमार ने भी इस बैठक में हिस्सा लिया था, नितीश कुमार ने नीति आयोग की बैठक में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की है। बिहार के विधान सभा चुनाव में इस मुद्दे को जोर शोर से उठाया गया था। बताया जा रहा है कि इस बार होने वाले विधानसभा चुनाव में भी नितीश कुमार इस मुद्दे को भुना सकते हैं।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal