राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को अपने शीर्ष राजनयिकों के साथ बीजिंग के साथ वार्ता के एक दिन बाद चीन के साथ संबंधों में कटौती के लिए अपने खतरे को नवीनीकृत किया और उनके व्यापार प्रतिनिधि ने कहा कि उन्होंने अमेरिका और चीनी अर्थव्यवस्थाओं को व्यवहार्य विकल्प घोषित करने पर विचार नहीं किया।
पूर्वी एशिया के शीर्ष अमेरिकी राजनयिक ने महीनों में अपनी पहली उच्च-स्तरीय आमने-सामने की कूटनीतिक वार्ता के बाद अमेरिका-चीन संबंधों को ‘तनावपूर्ण’ बताया। हालांकि उन्होंने कहा कि बीजिंग ने इस साल पहुंची एक व्यापार समझौते के पहले भाग को फिर से शुरू किया है और आने वाले कुछ हफ्तों में पता चलेगा कि क्या प्रगति हुई थी।
ट्रंप ने बड़े पैमाने पर अमेरिकी व्यापार घाटे को चीन के साथ एक सर्वोच्च प्राथमिकता के रूप में पुनर्संतुलन (Rebalancing) बनाया है, लेकिन नवंबर में फिर से चुनाव के लिए उनके अभियान के रूप में संबंध लगातार बिगड़ गए हैं। ट्रंप ने अपने व्यापार प्रतिनिधि, रॉबर्ट लाइटहीजर के हवाले से एक ट्वीट में कहा कि बीते दिन कमेटी में एंबेसडर की गलती नहीं थी, शायद मैंने खुद को स्पष्ट नहीं किया। लाइटहीजर ने प्रतिनिधि सभा की एक समिति को बताया कि बुधवार को उन्होंने वैसा व्यवहार्य नहीं देखा, लेकिन अमेरिका निश्चित रूप से विभिन्न शर्तों के तहत, चीन से पूरी तरह से डिकोडिंग के तहत, एक नीति विकल्प को बनाए रखता है।
‘क्या मुझे लगता है कि आप संयुक्त राज्य अमेरिका की अर्थव्यवस्था को चीन की अर्थव्यवस्था से अलग कर सकते हैं?” उन्होंने कहा- नहीं, मुझे लगता है कि यह सालों पहले एक नीति विकल्प था। मुझे नहीं लगता कि यह इस बिंदु पर एक उचित नीति विकल्प है। वहीं, ट्रंप के ट्वीट पर उनके कार्यालय की तत्काल कोई टिप्पणी नहीं थी।
बता दें कि कोरोना महामारी, जिसने दुनिया में अमेरिका को बुरी तरह हिट किया। उसको लेकर अमेरिका और चीन के बीच संबंध बेहद खराब हो गए। ट्रंप और उनके प्रशासन द्वारा चीन पर जमकर हमला बोला जा रहा है। यहां तक की कोरोना वायरस को ट्रंप ने चीनी वायरस बता दिया था। चीन पर आरोप लगाया कि उसने दुनिया को कोरोना के बारे में पहले सूचित नहीं किया, जिससे लाखों की जान चली गई और पूरी दुनिया बंद हो गई।