नई दिल्ली, आने वाले समय में टेलीविजन (TV Ad) से ज्यादा विज्ञापन डिजिटल (Digital Ad) को मिलने वाला है। डिजिटल की बढ़ती मांग को देखते हुए ऐसा संभव हो सकेगा। मीडिया एजेंसी ग्रुपम (GroupM Report) की तरफ से जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में विज्ञापन खर्च वर्ष 2022 में 22 प्रतिशत की दर से बढ़कर 1.08 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच जाने का अनुमान है। इस दौरान डिजिटल माध्यमों पर विज्ञापन व्यय टेलीविजन को भी पीछे छोड़ देगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2021 में भारतीय विज्ञापन राजस्व 26.5 प्रतिशत की दर से बढ़कर 88,334 करोड़ रुपये रहा था।

ग्रुपम के मुख्य कार्यकारी (दक्षिण एशिया) प्रशांत कुमार ने कहा, महामारी की वजह से विज्ञापन राजस्व के मामले में डिजिटल की तरफ झुकाव बढ़ा है। विज्ञापनदाता इस माध्यम को आगे भी अधिक तरजीह देने के इच्छुक नजर आ रहे हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2022 में डिजिटल मंचों का विज्ञापन राजस्व 33 प्रतिशत की दर से बढ़कर 48,603 करोड़ रुपये पहुंचने की संभावना है। वर्ष 2021 में भी डिजिटल मीडिया का विज्ञापन व्यय 38 प्रतिशत बढ़ा था। इसकी तुलना में विज्ञापनों के पसंदीदा माध्यम रहे टेलीविजन पर विज्ञापन व्यय 15 प्रतिशत की ही दर से बढ़कर 42,388 करोड़ रुपये रहने की संभावना है।
रिपोर्ट के अनुसार, डिजिटल विज्ञापन को गति देने में छोटे कारोबारी खंड का बड़ा योगदान है। वहीं अपने परिचालन व्यय के लिए काफी हद तक विज्ञापन राजस्व पर निर्भर प्रिंट मीडिया में विज्ञापन व्यय के इस साल करीब पांच प्रतिशत बढ़कर 12,667 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है जो 2021 में 17 प्रतिशत बढ़ा था। हालांकि वर्ष 2022 में सिनेमाघरों के दोबारा खुलने की संभावना को देखते हुए सिनेमा विज्ञापनों में 467 प्रतिशत की जोरदार उछाल के साथ 635 करोड़ रुपये हो जाने की संभावना है। वर्ष 2021 में यह सिर्फ 112 करोड़ रुपये ही रहा था।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal