सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ़ इंडिया (STPI) की सोमवार को जारी हुई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि देश में इस समय 1.14 लाख पंजीकृत स्टार्टअप काम कर रहे हैं। इनमें 30.4 हजार स्टार्टअप केवल इसी कैलेंडर ईयर में (अक्तूबर माह तक) रजिस्टर किए गए हैं। सबसे ज्यादा नए स्टार्टअप दूसरे-तीसरे स्तर के शहरों में स्थापित हो रहे हैं। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने भी इन शहरों में पहुंचकर स्टार्टअप को बढ़ावा देने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इससे इन क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
इंटरनेट सेवाओं के उपयोगकर्ताओं के हिसाब से भारत दुनिया में दूसरे नंबर पर आता है। देश का लगभग 98 फीसदी क्षेत्र इस समय 4G सेवाओं का उपयोग कर रहा है। इंटरनेट सेवाओं के इस विस्तार ने डिजिटल क्षेत्र में काम कर रहे स्टार्टअप को बेहतर क्षेत्र उपलब्ध कराया है। सस्ती इंटरनेट सेवा और सस्ते स्मार्टफोन की उपलब्धता ने भी देश में डिजिटल क्रांति को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है। यही कारण है कि तकनीक क्षेत्र में स्टार्ट अप की संख्या न केवल लगातार बढ़ रही है, बल्कि डिजिटल सेवा क्षेत्र का लगातार विकास हो रहा है। इससे इन स्टार्टअप कंपनियों को भी भारी लाभ हो रहा है।
डिजिटलीकरण का सबसे बड़ा लाभ यह हो रहा है कि तकनीक के कारण अब केवल बड़े मेट्रो शहरों में रहकर कंपनी चलाने की बाध्यता समाप्त हो गई है। अब बड़ी संख्या में स्टार्टअप लखनऊ, पटना, प्रयागराज, वाराणसी, देहरादून, भोपाल जैसे दूसरे-तीसरे दर्जे के शहरों में भी खुल रहे हैं। इसका व्यापक असर हुआ है। इससे न केवल रोजगार के अवसरों को सुदूर क्षेत्रों में पहुंचाने में मदद मिली है, बल्कि सस्ते श्रम की उपलब्धता के कारण स्टार्टअप की लागत भी कम हुई है।
स्वास्थ्य, शिक्षा और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में स्टार्टअप को डिजिटलीकरण का बड़ा लाभ मिला है। इससे ग्रामीण आबादी को भी उच्च तकनीकी सेवाओं का लाभ दे पाने में मदद मिली है। क्षेत्र के विशेषज्ञों का मानना है कि इस सेक्टर के कारण ही प्रधानमंत्री कौशल योजना के अंतर्गत 1.4 करोड़ लोगों को प्रशिक्षण दे पाना संभव हुआ है। यदि डिजिटल सेवाओं के स्टार्टअप का सहयोग न मिलता तो इस लक्ष्य को प्राप्त करना मुश्किल होता। जनधन खाता जैसी योजनाओं की लोकप्रियता का कारण भी बैंकिंग सेवाओं के डिजिटलीकरण में खोजा जा सकता है।
केंद्र की नीतियों का भी असर
टाई-दिल्ली-एनसीआर (TiE) के अध्यक्ष आलोक मित्तल ने कहा कि स्टार्टअप और उद्योगों के प्रति सरकार के खुले नजरिये ने देश में स्टार्टअप कंपनियों को स्थापित करने में मदद की है। केंद्र सरकार और टाई दोनों ही नए उद्यमियों को आर्थिक सहयोग दे रही है। विश्व बैंक की डूइंग बिजनेस 2O20 रिपोर्ट में भी यह कहा गया था कि भारत में व्यापार करने की दृष्टि से स्थिति अनुकूल हुई है। इस पैमाने पर भारत 2014 में 142वें स्थान पर था, जो 2020 तक 63वें स्थान पर आ गया है। इस रैंकिंग में भारत लगातार सुधार कर रहा है।