इंटरकनेक्ट यूजर चार्ज (IUC) पर भारतीय दूरसंचार विनायमक प्राधिककरण (ट्राई) इस माह के अंत तक फैसला लेगा। ट्राई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि प्राधिकरण ने इस मामले पर सभी कंपनियों के विचार जान लिए हैं। अब यह फैसला लिया जाए कि क्या 1 जनवरी 2020 से आईयूसी को हटा लिया जाए या फिर इसको अभी के लिए चलना दिया जाए।
रिलायंस जियो ने शुक्रवार को कहा था कि कॉल जोड़ने पर लग रहे शुल्क (आईयूसी) को समाप्त करने के निर्णय को जनवरी, 2020 के बाद टाला गया तो इससे किफायती दूरसंचार सेवाएं प्रभावित होंगी। दूसरी ओर, वोडफोन-आइडिया और एयरटेल ने इस तरह के शुल्क को जारी रखने की बात कही थी। इन कंपनियों ने कहा था कि इस व्यवस्था को कम से कम तीन साल तक जारी रखना चाहिए। ट्राई के चेयरमैन आर एस शर्मा ने सभी कंपनियों से कहा कि इस मुद्दे को लेकर के जल्द ही नए नियमों की घोषणा की जाएगी।
जियो का कहना है कि निशुल्क वॉइस कॉल जैसी किफायती सेवाओं के कारण उपभोक्ताओं को फायदा हुआ है। अब इनकमिंग और आउटगोइंग कॉल का अनुपात लगभग बराबर हो चुका है, ऐसे में कोई कारण नहीं है कि ‘बिल एंड कीप’ व्यवस्था के क्रियान्वयन को टाला जाए। कंपनी ने कहा कि हम नफा या नुकसान पर विचार नहीं कर रहे हैं, बल्कि सिद्धांतों के आधार पर इसका विरोध कर रहे हैं।