आप कहेंगे दुनिया में ऐसा कोई नहीं जिसे दर्द का एहसास न होता है। मगर यह सच है 71 साल की जो कैमरॉन को कभी दर्द का एहसास नहीं हुआ। एक औरत के जीवन में मां बनना सबसे अहम घटना होती है। मगर जो को प्रसव के दौरान भी कोई दर्द नहीं हुआ। यहां तक कि डॉक्टरों ने उन्हें बेहोशी की भी कोई दवा नहीं दी। कैमरॉन कहती हैं, मुझे यह तो महासूस हो रहा था कि मेरे शरीर में कुछ हलचल हो रही है मगर दर्द का एहसास जरा भी नहीं था।

बस ऐसा लगा जैसे गुदगुदी हुई हो। कैमरॉन को पूरे शरीर में नहीं कुछ हिस्सों में ही दर्द महसूस होता था। काफी समय तक जो की यह स्थिति डॉक्टरों के लिए पहेली बनी हुई थी। कई बार वह कपड़े प्रेस करते हुए जल जाती थीं और इसका पता उन्हें तब चलता था, जब हाथ से जलने से गंध आती थी।
जो को कभी चिंता या डर भी नहीं लगता है। गुरुवार को द ब्रिटिश जर्नल ऑफ एनेस्थीसिया में प्रकाशित लेख में कैमरॉन की इस स्थिति की असली वजह का पता चला। वैज्ञानिकों का मानना है कि कैमरॉन की इस स्थिति का कारण एक अज्ञात जीन में परिवर्तन है। वह दुनिया के उन दो लोगों में से एक हैं जिन्हें जेनेटिक म्यूटेशन की दुर्लभ बीमारी है। डॉक्टरों ने दो अहम म्यूटेशन का पता लगाया। दोनों म्यूटेशन दर्द और तनाव को दबा देते हैं। इसके अलावा ये म्यूटेशन खुशी, भुलक्कड़पन को बढ़ावा देते हैं और जख्म जल्दी भरने में मदद करते हैं।
वैज्ञानिकों का मानना है कि जीन म्यूटेशन की वजह से कैमरन को दर्द का एहसास नहीं होता है। ये जीन दर्द का सिग्नल भेजने, मूड तय करने और याद्दाश्त को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं। इस केस के सामने आने के बाद मेडिकल की दुनिया में क्रोनिक पेन से प्रभावित लोगों के लिए इलाज मिलने की भी संभावना जताई जा रही है।
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