पुराने ज़माने से लेकर अभी तक लड़कियों को सुंदरता और सौम्यता का प्रतीक माना जाता है. लेकिन बदलते समय के साथ और पुरुषों की बराबरी करने के चक्कर में महिलाओं से यह सब लक्षण ख़त्म होते जा रहे हैं. देखने में आ रहा है कि शहरों में रहने वाली लड़कियों के चेहरे पर बाल आने लगे हैं. गाँव में रहने वाली लड़कियों के मुकाबले अब शहरी लड़कियों को ठोड़ी और अपर लिप्स पर अनचाहे बालों की शिकायत आने लगी है. कई लड़कियां इस बिमारी से बची हुई हैं, लेकिन देखा जाए तो 10 में से करीब 2 या 3 लड़कियां अभी भी इस परेशानी से जूझ रही हैं.
इस बढ़ती परेशानी के चलते महिलाओं को लेकर एक स्टडी की गई थी, जिससे यह नतीजे सामने आए थे कि शहर में बढ़ते प्रदुषण के कारण लड़कियों में अनियमित पीरियड्स की समस्या पैदा हो रही है. इस अनियमितता के कारण उनके शरीर के हॉर्मोन्स भी गड़बड़ा रहे हैं, जिसके कारण महिलाओं के चेहरे पर अनचाहे बाल आ रहे हैं.
शहर की भागदौड़ के बीच महिलाओं को अपनी नौकरी पर भी ध्यान देना होता है और घर भी संभालना पड़ता है, जिसके कारण वह खुद पर ध्यान नहीं दे पाती. शहर में इतना प्रदुषण रहता है, महिलाएं खुदपर ध्यान नहीं दे पाती और उसका शिकार हो जाती हैं जिसके कारण पीसीओडी की बिमारी जन्म लेती है. पीओडी की बीमारी तनाव, काम के बोझ, प्रदूषण, मॉडर्न लाइफस्टाइल के कारण होती है जिसमें लड़कियों को इनफर्टिलिटी की परेशानी से गुज़ारना पड़ता है