पैगंबर मोहम्मद के व्यंग्यचित्र (कार्टून) को लेकर फ्रांस में मुस्लिम समाज की भावनाएं भड़क उठी हैं। फ्रांस से उठी चिंगारी अब दुनियाभर में फैलती जा रही है। इसको लेकर देश में भी विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। इस बीच शिवसेना ने भी फ्रांस का समर्थन किया है। शिवसेना ने कहा है कि फ्रांस भारत का मित्र देश है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फ्रांस को समर्थन देना बिल्कुल उचित फैसला है।

शिवसेना ने मुखपत्र में मैक्रान के समर्थन में शीर्षक के तहत प्रकाशित संपादकीय में कहा गया है कि धर्मांध मुसलमानों ने लोगों की गला काट कर हत्या करनी शुरू कर दी है। निरपराध लोगों पर चाकू से हमला किया जा रहा है। मुंबई, ठाणे और भोपाल आदि शहरों से लेकर देशभर में फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रान के खिलाफ प्रदर्शन हुए हैं। मैक्रान ने इस्लाम और आंतकवाद का रिश्ता जोड़ा और फ्रांस से इस्लामिक आतंकवाद को जड़ से उखाड़ फैंकने का फैसला किया है।
अब मैक्रान की भूमिका को गलत ठहराया जा रहा है। जबकि फ्रांस हर तरह की स्वतंत्रता का समर्थक देश रहा है।
भारत पर जब भी संकट आया है फ्रांस ने हमेशा साथ दिया है। साल 1998 में जब पोखरण में परमाणु परीक्षण हुआ था तब अमेरिका सहित कई देशों ने भारत पर पाबंदियां लगाई। लेकिन फ्रांस ने हमेशा हमारे साथ मित्र सा बर्ताव किया और संयुक्त राष्ट्र संघ में जब भी जरूरत पड़ी फ्रांस ने हमारा साथ दिया। चीन और पाकिस्तान जैसे दुश्मन देश से मुकाबले के लिए मिराज और राफेल जैसे युद्धक विमान भी फ्रांस ने ही दिए.
शिवसेना ने लिखा कि फ्रांस की घटना से मुस्लिम राष्ट्र आक्रोशित हुए और वहां मैक्रान के खिलाफ फतवा वगैरह जारी किया। लेकिन इन फतवा बहादुरों ने आतंकवादी करतूतों की आलोचना नहीं की। गला चीरकर मारने की आज्ञा न कुरान में है और न ही परमेश्वर द्वारा भेजे गए पैगम्बर साहब ने ही दी है। फ्रांस में धर्म के नाम पर जिन्होंने गला काटने का अमानवीय कार्य किया है वे मानवता के दुश्मन हैं। इसलिए मैक्रान के समर्थन में खड़ा रहना जरूरी है।
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