इस्लामाबाद में बनेगा कृष्ण मंदिर पाकिस्तान की इमरान सरकार ने दी मंजूरी

पाकिस्तान सरकार ने इस्लामाबाद में हिंदू मंदिर के निर्माण को मंजूरी दे दी है. सरकार ने ये मंजूरी निर्माणकार्य बाधित होने के छह महीने बाद दी है. कुछ उग्र इस्लामिक समूहों के दबाव के चलते मंदिर (Temple) का निर्माण कार्य रुक गया था.

कैपिटल डेवलेपमेंट अथॉरिटी ने सोमवार को लाहौर में एक नोटिस जारी किया, जिसमें इस्लामाबाद के सेक्टर एच-9/2 में हिंदू समुदाय के श्मशान घाट की बाउंड्री के निर्माण को भी मंजूरी दी गई.न्यूज एजेंसी के मुताबिक दी गई मंजूरी में कहा गया कि सेक्टर एच-9/2 में हिंदू समुदाय के लिए श्मशान के चारों ओर चारदीवारी का निर्माण करने की अनुमति इस्लामाहबाद राजधानी क्षेत्र के खंड 4.I.I के तहत दी गई है. बिल्डिंग कंट्रोल रेग्युलेशन 2020 बाउंड्री की दीवार की ऊंचाई तय करेगा.

अनुमति में कहा गया है कि या तो पूरी दीवार ठोस हो सकती है या एक फीट ठोस दीवार के ऊपर फेंसिंग लगी होनी चाहिए. बाड़े की ऊंचाई किसी भी हाल में 3 फीट से कम नहीं होनी चाहिए. इससे पहले कुछ कट्टर मौलवियों ने सरकार को इस्लामाबाद में मंदिर के निर्माण को मंजूरी नहीं देने की चेतावनी दी थी. सीडीए ने जुलाई में कानूनी कारणों का हवाला देते हुए मंदिर के प्लाट पर बाउंड्री के निर्माण को रोक दिया था.

धार्मिक मामलों के मंत्री पीर नूरुल हक कादरी ने इस मामले को इस्लामी विचारधारा की परिषद के पास सलाह के लिए भेजा था. अक्टूबर में धार्मिक मुद्दों पर सरकार को सलाह देने वाली परिषद ने कहा कि इस्लामाबाद या देश के किसी भी दूसरे हिस्से में मंदिर के निर्माण पर कोई संवैधानिक या शरिया प्रतिबंध नहीं है.

इस फैसले पर 14 सीआईआई सदस्यों ने साइन किए थे, जिसमें कहा गया था कि देश के दूसरे धार्मिक समूहों की तरह हिंदूओं को भी अपनी आस्था के अनुसार अंतिम संस्कार करने के लिए एक जगह का संवैधानिक अधिकार है. सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के एक अल्पसंख्यक विधायक लाल चंद मल्ही ने एक बयान में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान, सीआईआई के प्रमुख डॉ क्यूबा अयाज और बाकी सदस्यों का अनुमति देने के लिए धन्यवाद दिया.

योजना के मुताबिक कृष्ण मंदिर का निर्माण राजधानी के एच-9 एडमिनिस्ट्रेटिव डिवीजन में 20,000 स्क्वायर फीट के प्लाट में किया जाएगा. इस्लामाबाद में हिंदू मंदिर निर्माण के लिए हिंदू पंचायत को प्लाट का आवंटन सीडीए ने 2017 में किया था. साइट मैप की मंजूरी और कागजी प्रक्रिया जैसी कुछ औपचारिकताओं के चलते निर्माण कार्य में देरी हुई.

पूर्व पाक पीएम नवाज शरीफ ने मंदिर के लिए जमीन आवंटित की थी. मंदिर परिसर में एक श्मशान स्थल भी होगा. इसके अलावा दूसरे धार्मिक संस्कारों के लिए भी जगह बनाई जाएगी. बता दें कि पाकिस्तान में हिंदू सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समुदाय है. आधिकारिक अनुमान के मुताबिक पाकिस्तान में 75 लाख हिंदू रहते हैं. हालांकि समुदाय का अनुमान है कि देश में हिंदूओं की संख्या 90 लाख से ज्यादा है. पाकिस्तान में ज्यादातर हिंदू आबादी सिंध प्रांत में बसती है.

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