इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) में छात्रसंघ बहाली को लेकर अब लड़ाई तेज हो गई है। बुधवार को छात्रसंघ के पूर्व पदाधिकारियों ने कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर आरआर तिवारी से मुलाकात की। उनसे छात्रसंघ बहाली की मांग करते हुए प्रारूप में बदलाव एवं सुधार पर तकरीबन एक घंटे से अधिक तक चर्चा की।
पूर्व अध्यक्षों ने कुलपति दफतर में की छात्रसंघ पर चर्चा
छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष विनोद चंद्र दुबे, सतीश अग्रवाल, केके राय और छात्रनेता अजय सम्राट ने बुधवार को कुलपति दफ्तर जाकर छात्रसंघ पर चर्चा की। पूर्व अध्यक्ष विनोद चंद्र ने कुलपति को बताया कि 1980 के दशक में छात्रसंघ की जगह इलाहाबाद विश्वविद्यालय यूनियन होता था। इसके तहत बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज का भी गठन होता था। इसमें चार शिक्षक, दो पूर्व अध्यक्ष और एक वर्तमान अध्यक्ष होते थे। चुनाव के बाद कार्यकारिणी इनका चयन करती थी। उन्होंने यह भी बताया कि इसमें सभी पूर्व पदाधिकारी भी मतदाता होते थे। इविवि के शिक्षक यूनियन के सदस्य होते थे, लेकिन उन्हें मतदान का अधिकार नहीं होता था। ऐसे में उन्होंने छात्रसंघ की जगह यूनियन करने की मांग कमेटी के समक्ष रखने की मांग की।
छात्रसंघ के लिए गठित कमेटी की रिपोर्ट मिलने का इंतजार
कार्यवाहक कुलपति ने बताया कि छात्रसंघ के लिए गठित कमेटी की रिपोर्ट मिलने का इंतजार है। मसला उच्चस्तरीय कमेटी में रखा जाएगा। उस कमेटी में इविवि प्रशासन समेत पुलिस प्रशासन के अफसर, छात्रसंघ के पूर्व पदाधिकारी और निवर्तमान पदाधिकारियों को भी शामिल किया जाएगा। तैयार रिपोर्ट तैयार को कार्य परिषद में रखा जाएगा। पूर्व पदाधिकारियों ने रजिस्ट्रार प्रोफेसर एनके शुक्ल और चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर आरके उपाध्याय से भी मिलकर छात्रसंघ बहाली की चर्चा की।