इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) समेत संघटक महाविद्यालयों में ओबीसी वर्ग के छात्र-छात्राओं से आवेदन शुल्क वसूलने के मामले में अब राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग सख्त हो गया है। लगातार तीसरी बार आयोग ने इविवि प्रशासन को नोटिस जारी कर एक सप्ताह में जवाब देने को कहा है। यदि सन्तोषजनक जवाब नहीं मिलता है तो समन जारी कर सीधे बुलाया जाएगा। फिर वहां उपस्थित होकर जवाब देना पड़ेगा।
दरअसल, इविवि के पुरा छात्र राघवेन्द्र यादव ने आयोग को 23 जून को पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने यह प्रावधान बनाया है कि ओबीसी वर्ग के छात्रों को आवेदन में छूट दी जाए। इसके बावजूद इविवि प्रशासन इसे लागू नहीं कर रहा है। शैक्षिक सत्र 2019-20 में प्रवेश प्रकोष्ठ के तत्कालीन निदेशक प्रो. मनमोहन कृष्ण से मांग की गई थी। हालांकि, उन्होंने इसे नजरअंदाज कर दिया। इसके बाद मौजूदा सत्र में पांच जून को प्रवेश प्रकोष्ठ के निदेशक प्रो. प्रशांत अग्रवाल, कार्यवाहक कुलपति प्रो. आरआर तिवारी एवं रजिस्ट्रार प्रो. एनके शुक्ल को पत्र लिखकर फिर से मांग उठाई गई। आरोप है कि विवि प्रशासन ने गंभीरता नहीं दिखाई। 16 जून को रिमाइंडर भेजने का भी कोई नतीजा नहीं निकला। इस पर 23 जून को राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को पत्र लिखा।
इविवि प्रशासन से एक सप्ताह में मांगा जवाब
आयोग ने कुलपति को पत्र जारी कर जानकारी मांगी है कि इस प्रकरण में इविवि ने क्या किया। इसकी जानकारी 15 दिन के भीतर आयोग और शिकायतकर्ता को उपलब्ध कराई जाए। विवि प्रशासन ने गोलमोल जवाब देकर अपना पल्ला झाड़ लिया। इस पर आयोग के ज्वाइंट डायरेक्टर (एडमिन) मधुमाला चट्टोपाध्याय ने 27 जुलाई को इविवि को पत्र जारी कर एक सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा है। इविवि के जनसम्पर्क अधिकारीडॉ. शैलेन्द्र मिश्र ने बताया कि राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की तरफ से जो भी नोटिस आई है उसका सम्मान किया जाता है। पिछली बार जवाब भेज दिया गया है। फिर से इविवि प्रशासन इस नोटिस का जवाब भेज देगा।