शिवरात्रि के मौके पर आसपास के शिव मंदिर में इतनी भीड़ होती है जहां दर्शन करना बहुत ही मुश्किल होता है। क्योंकि शिवरात्रि की छुट्टी शनिवार और रविवार के साथ है तो तीन दिन की छुट्टी काफी है जब आप भारत में मौजूद भगवान शिव के विशालकाय प्रतिमाओं के दर्शन की प्लानिंग कर सकते हैं। तो आइए जानते हैं भारत में कहां-कहां मौजूद हैं भगवान शिव की ऐसी प्रतिमा। लेकिन दुनिया में भगवान शिव की सबसे ऊंची प्रतिमा नेपाल में है।
राजस्थान के नाथवाड़ा में शिव प्रतिमा
उदयपुर से करीब 50 किलोमीटर की दूरी पर श्रीनाथद्वारा के गणेश टेकरी में बन रही है यह प्रतिमा। 351 फीट ऊंची इस प्रतिमा के दर्शन आप 20 किमी की दूरी से भी कर सकते हैं।
मुरुदेश्वरा शिव प्रतिमा (कर्नाटक)
ऊंचाई- लगभग 123 फुट
दुनिया की दूसरे सबसे बड़ी शिव प्रतिमा अरब सागर के तट पर स्थित है मुरुदेश्वर में। जहां भगवान शिव के साधना में लीन रूप को देखा जा सकता है। मुरुदेश्वर कर्नाटक में उत्तर कन्नड़ जिले के भटकल तहसील में अरब सागर के तट पर स्थित एक कस्बा है। कंदुका पहाड़ी पर तीन ओर से पानी से घिरा मुरुदेश्वर मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि अमर होने के लिए रावण जब शिवजी को प्रसन्न करके उनका आत्मलिंग अपने साथ लंका ले जा रहा था तब रास्ते में इस स्थान पर आत्मलिंग को धरती पर रख दिए जाने के कारण यहीं स्थापित हो गया था।
नागेश्वर महादेव (गुजरात)
ऊंचाई- 82 फुट
भारत में मौजूद 12 ज्योतिर्लिंगों में से 2 केवल गुजरात में ही हैं पहला सोमनाथ महादेव और दूसरा नागेश्वर महादेव। पहले यह मंदिर इतना विशाल नहीं था लेकिन टी-सीरिज के निर्माता गुलशन कुमार ने इसे इतना भव्य रूप दिया। मंदिर परिसर के बाहर भगवान शिव की विशालकाय मूर्ति है जो 82 फुट ऊंची और 25 फुट चौड़ी है। यहां शिवजी का एक हाथ जप मुद्रा में और दूसरा हाथ वरदान मुद्रा में है।
तमिलनाडु, आदियोग मंदिर
ऊंचाई- 112 फुट
तमिलनाडु के कोयंबटूर में 112 फीट ऊंची भगवान शिव की इस मूर्ति को देखने दुनियाभर से लोगों की भीड़ जुटती है। यहां भगवान शिव की आंख बंद किए हुए आधी प्रतिमा है। जो बहुत ही अलग और खास है।
नामची शिव प्रतिमा (सिक्किम)
ऊंचाई- लगभग 108 फीट
सिक्किम के गंगटोक से 92 किलोमीटर की दूरी पर नामची शहर में पहाड़ी पर चारधाम बद्रीनाथ, द्वारका, रामेश्वरम और पुरी के मंदिरों का प्रतिरूप देखने को मिलता है। साथ ही 12 ज्योतिर्लिंगों को भी मंदिर में दर्शाया गया है। यहां बनी शिव की मूर्ति 108 फीट ऊंची है। जिसे सिद्धेश्वर धाम और किरातेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है।
मंगल महादेव, हरियाणा
दिल्ली से हरियाणा में मंगल महादेव की विशाल प्रतिमा मौजूद है। जिसकी ऊंचाई करीब 101 फीट है। शिवरात्रि से अलग यहां आम दिनों में भी श्रद्धालुओं की उतनी ही भीड़ देखने को मिलती है।
हर की पौड़ी, हरिद्वार (उत्तराखंड)
ऊंचाई- लगभग 100 फुट
भगवान शिव की खड़ी यह प्रतिमा हरिद्वार में गंगा नदी के तट पर हर की पौड़ी के पास बनी हुई है। जिसका दर्शन आप गंगा के किनारे से भी कर सकते हैं। जबकि हरिद्वार के पास ऋषिकेश में भगवान शिव की बैठक मुद्रा में भी मूर्ति है। हर शाम हजारों दीपकों के साथ गंगा की आरती की जाती है। हर की पौड़ी के पीछे के बलवा पर्वत की चोटी पर मनसादेवी का मंदिर बना है। मंदिर तक जाने के लिए पैदल रास्ता है।
शिवगिरि महादेव, बीजापुर (कर्नाटक)
ऊंचाई – लगभग 85 फुट
कर्नाटक राज्य के बीजापुर जिले के शिवपुर में शिव की महिमा बतलाता भव्य शिवमंदिर शिवगिरी है। इस मंदिर में स्थित भगवान शिव की विशालकाय मूर्ति 85 फीट ऊंची है। इश प्रतिमा में शिव को योगेश्वर रूप में दिखाया गया है। शिवजी पद्मासन लगाकर बैठे हैं और उनके दोनों हाथ जप मुद्रा में हैं। यह प्रतिमा 2011 में स्थापित की गई है।
कचनार महादेव, जबलपुर (मध्यप्रदेश)
ऊंचाई – 76 फुट
मध्यप्रदेश राज्य के जबलपुर जिले के कचनार शहर में शिव मंदिर के पास स्थापित इस मूर्ति की ऊंचाई 76 फुट है। यहां भगवान शिव कर्पूर गौरं रूप में पद्मासन की मुद्रा ध्यान करते हुए दिखते हैं। भगवान शिव का यह रूप मन मोह लेेने वाला है। यहां 12 ज्योतिर्लिंगों की बनाए गए हैं।
कैम्प फोर्ट शिव मूर्ति, एयरपोर्ट रोड, बेंगलुरु (कर्नाटक)
ऊंचाई – 65 फुट
कर्नाटक के बेंगलुरु में केंफोर्ट शिव मंदिर है। इस मंदिर में भगवान शिव की 65 फीट ऊंची प्रतिमा बनी हुई है। जिसमें शिवजी कैलाश पर्वत पर साधना मुद्रा में हैं।
बेलीश्वर महादेव, भंजनगर (ओडिशा)
ऊंचाई – 61 फुट
उड़ीसा ओडिशा के गंजाम जिले के भंजनगर में स्थित चंद्रशेखर महादेव मंदिर में 61 फीट ऊंची भगवान शिव की प्रतिमा है। इस विशाल प्रतिमा में शिव विश्राम मुद्रा में बैठे हुए हैं।