हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को विशेष स्थान दिया गया था। शास्त्रों और वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में तुलसी का पौधा होने से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होकर नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ जाता है। लेकिन कई बार घर में तुलसी का पौधा लगाते समय कुछ गलतियां कर देते हैं। इन गलतियों के कारण तुलसी के पौधे का पॉजिटिव प्रभाव मिलना बंद हो जाता है और मां लक्ष्मी और विष्णु भी रुष्ट हो जाते हैं। ऐसे में जानिए घर में तुलसी का पौधा लगाते समय किन बातों का रखें ख्याल।
शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि घर में तुलसी का पौधा लगाते समय दिशा के साथ-साथ किस तरह और किस आकार के गमले में पौधा लगाकर रहे ये बात जरूर ध्यान रखना चाहिए। शास्त्रों में तुलसी के पौधे को किस तरह लगाना चाहिए। इसके बारे में 7 प्रकार बताए गए हैं।
इन सात तरीकों से लगाएं तुलसी का पौधा
गोल आकार का गमला
शास्त्रों के अनुसार, तुलसी के पौधे को गोल आकार के गमले में लगाना शुभ माना जाता है। इस आकार के गमले में तुलसी का पौधा लगाने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
चकोर आकार के गमला
तुलसी के पौधे को चकौर आकार के गमले में भी लगाना शुभ माना जाता है। घर के आंगन में इस आकार के गमले में पौधा लगाने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
षटकोण आकृति
ऐसे गमले में भी पौधा लगाना शुभ माना जाता है जिसमें छ कोने होते हैं।
त्रिकोण गमला (त्रिवेणी)
जिस घर में परिवार के सदस्यों के बीत अनबन बनी रहती है और इसके कारण परिवार के सदस्यों के बीच बंटवारा तक की नौबत आ गई है, तो तुलसी के पौधे को त्रिकोण आकार वाले गमले में लगाएं।
जमीन में लगाएं पौधा
कई लोग गमले में न लगाकर घर में मौजूद गार्डन में जमीन में लगा देते हैं। ऐसा करने से तुलसी का पौधा खूब फैलता है। इससे घर में धन संपदा खूब आती है। लेकिन किसी न किसी तरह की चिंता बनी रहती है।
तुलसी को लटकाना
कई लोग जगह कम होने के कारण तुलसी के पौधे को गमले में लगाकर लटका देते हैं। शास्त्रों के अनुसार ऐसा बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। क्योंकि इसके दुष्प्रभाव के कारण आपका बनता हुआ काम भी बिगड़ जाएगा।
छोटा गमला
शास्त्रों के अनुसार, घर में तुलसी का बड़े गमले के अलावा एक और छोटा गमला लगाना। भगवान विष्णु की पूजा करते समय इस पौधे को भी पूजा घर में रखें और विधिवत पूजा करें। पूजा के बाद इसे पूजा घर से उठाकर कहीं और रख लें। ऐसा रोजाना करें से घर में धन धान्य की कमी नहीं होती है। अगर आप ऐसा रोजाना नहीं कर सकते हैं , तो कार्तिक मास में जरूर करना चाहिए।