दो लोगों की करतूत को जानकर आपका दोस्ती से भरोसा उठ जाएगा। दाेनों ने दो करोड़ रुपये की लालच में अपने फाइनेंसर दोस्त के 12 साल के मासूम बेटे को अगवा कर लिया और पकड़े जाने के डर से उसकी अगले दिन ही हत्या कर दी। इसके बाद भी ये शातिर फेसबुक पर फर्जी नाम से चेटिंग कर फाइनेंसर से दो करोड़ रुपये की फिरौती मांगते रहे। इस दौरान बच्चे के अपहरण के विरोध और उसको बरामद के लिए हो रहे प्रदर्शनों में भी दोनों शामिल होते रहे और बच्चे के परिजनों के साथ नजर आते रहे। करीब एक माह बाद पुलिस ने उनके ही तरीेके से दोनों को धर दबोचा।
एक महीना पहले अबोहर की नई आबादी गली नंबर 19 से फाइनांसर बलजिंदर सिंह के 12 वर्षीय बेटे अरमान का अपरहण हो गया हो गया और पुलिस ने इसकी गुत्थी सुलझा ली है। अरमान का अपहरण फाइनांसर के दो दोस्तों ने ही दो करोड़ रुपये की फिरौती वसूलने के लिए किया था। पकड़े जाने के डर से आरोपितों ने अरमान का दूसरे ही दिन कत्ल कर दिया था और शव झाडिय़ों में दफना दिया। पुलिस ने शुक्रवार को दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर शव बरामद कर लिया।
एक माह पहले अगवा 12 साल के अरमान का झाडिय़ों से शव बरामद, दो आरोपित गिरफ्तार
एसएसपी भूपिंद्र सिंह ने बताया कि अरमान डीएवी स्कूल में सातवीं कक्षा का छात्र था। 17 अक्टूबर को वह घर के बाहर खेल रहा था कि उसके पिता का दोस्त सुनील कुमार उर्फ शीलू पुत्र सोहन लाल निवासी अजीमगढ़ उसे बाइक पर बिठा कर ले गया। थोड़ी दूर सुनील का साथी पवन कुमार उर्फ अंकी पुत्र फूलचंद कार लेकर खड़ा था। दोनों उसे कार में सीतो रोड स्थित एक मकान में ले गए। वहां अरमान को बताया कि उसका अपहरण किया गया है। पकड़े जाने के डर से दूसरे दिन आरोपितों ने अरमान की हत्या कर दी और शव अबोहर-मलोट रोड पर ओवरब्रिज के पास झाडिय़ों में दफना दिया।
ऐसे शुरू किया फिरौती वसूलने का खेल
अरमान के कत्ल के बाद आरोपितों ने बलङ्क्षजदर को एक रिक्शा में सेब की पेटी भेजी। इसमें दो ईंटें व फिरौती का पत्र था। फिर फेसबुक के जरिये बलजिंदर से संपर्क किया। साजिश को अंजाम देने के लिए दोनों ने मलोट से एक पुराना फोन खरीदा था और फेसबुक किसी अन्य के हॉट स्पॉट का इस्तेमाल कर चलाते थे। आरोपितों ने पैसे लेकर कभी मलोट रेलवे ट्रैक पर, कभी डंगरखेड़ा पुल तो कभी अबोहर-मलोट ओवरब्रिज के निकट बुलाया। चूंकि अपहरणकर्ता परिवार के नजदीकी थे इसलिए उन्हें पुलिस की सक्रियता का पता चलता रहता था।
सात घंटे चैटिंग में उलझाया, फिर अमेरिका में फेसबुक ऑफिस से लगाया सुराग
पुलिस ने एक दिन आरोपितों को सात घंटे तक चैङ्क्षटग में उलझाए रखा। इसके बाद अमेरिका में फेसबुक ऑफिस से संपर्क कर महत्वपूर्ण सुराग हासिल कर लिया। पुलिस ने शुक्रवार को आरोपितों की पुख्ता जानकारी मिलने पर गिरफ्तार कर लिया और अरमान का शव बरामद कर लिया। बलङ्क्षजदर ने सुनील से करीब 40 लाख रुपये और पवन से ढाई लाख रुपये लेने थे।
कत्ल से पहले अरमान की कई वीडियो बनाईं, फिर उसे परिवार को दिखाते थे
आरोपितों ने अरमान का कत्ल करने से पहले उसके करीब 20-25 वीडियो बना लिए थे और फोटो भी खींच ली थीं, ताकि परिवार को वीडियो व फोटो दिखाकर वसूली की जा सके। आरोपित यह जताना चाहते थे कि अरमान जिंदा है।
यू-ट्यूब देखकर अपहरण व फिरौती का स्टाइल सीखा
आरोपितों ने अपहरण की एक माह पहले ही तैयारी कर ली थी। यू-ट्यूब देखकर अपहरण व फिरौती का स्टाइल चुना। आरोपित फाइनांसर की जान पहचान के थे, इसलिए अरमान के अपहरण के विरोध में होने वाले धरना प्रदर्शनों में भी वह शामिल होते रहे, ताकि किसी को शक न हो।