मध्य प्रदेश भारत के बीचों-बीच स्थित एक बहुत ही नायाब शहर है। जहां घूमने का आप कभी भी प्लान कर सकते हैं। हालांकि सर्दियों के सीजन में यहां की कई जगहों का मौसम घूमने के अनुकूल होता है। मांडू यहां का एक पुराना शहर है, जो इंदौर से लगभग 100 किमी दूर है। कई घुमक्कड़ों की राय है कि यहां आकर आप कश्मीर में होने का एहसास होता है। मांडू को बसाने का श्रेय परमार राजाओं को जाता है। इसलिए यहां आपको महल, गुफाएं भी देखने को मिलेंगे। मांडू को पहले माण्डवगढ़ के नाम से जाना जाता था। मांडू में बनी इमारतें आज भी काफी हद तक पहले जैसी ही हैं। अगर आप घूमने की सोच रहे हैं, तो यहां का प्लान कर सकते हैं।
मांडू में घूमने वाली जगहें
हिंडोला महल
हिंडोला महल का शेप इसे खास बनाता है, जिसे बिल्कुल ‘टी’ शेप में बनाया गया है। यहां पहले के समय में दरबार लगता है और राजा लोगों की फरियाद इसी महल में बैठकर सुना करते थे। ये महल ऊपर से बंद नहीं बल्कि खुला हुआ है और यहां की दीवारें 77 डिग्री में झुकी हुईं हैं। मांडू की शान है हिंडोला महल।
होशांग शाह का मकबरा
भारत में संगमरमर का पहली बार इस्तेमाल ताजमहल में नहीं, बल्कि होशांग शाह मकबरे में हुआ था। इसके बाद ताजमहल में संगमरमर लगाया गया था। इस मकबरे को 15वीं शताब्दी में बनवाया गया था। ये मकबरा अफगान की शानदार कला का नायाब नमूना है। इसे देखे बिना आपकी मांडू यात्रा अधूरी रह जाएगी।
जहाज महल
इस महल का नाम जहाज इसलिए पड़ा, क्योंकि इसकी बनावट जहाज जैसी है। इस महल का निर्माण मांडू के सुल्तान ग्यासुद्दीन खिलजी ने करवाया था। सबसे खास इस महल में 15,000 स्त्रियों के रहने के लिए जगह है। महल के दो तरफ तालाब है, जो इसकी खूबसूरती बढ़ाने का काम करते हैं। आप इस महल को कभी भी घूमने का प्लान बना सकते हैं, क्योंकि ये कभी बंद नहीं होता।
बाग गुफाएं
मांडू स्थित बाग गुफाएं भी बेहद खूबसूरत जगहें हैं। जहां आकर आप फैमिली या दोस्तों के साथ क्वालिटी टाइम बिता सकते हैं। बाघानी नदी के नाम पर इन गुफाओं का नाम पड़ा है, जिसके बगल में ये गुफा बनी है। यहां बुद्ध भगवान की मूर्तियों और शानदार नक्काशी देख सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि इन मूर्तियों को चौथी और छठवीं सदी के बीच में पत्थरों को काटकर बनाया गया था। इन्हें देखना मिस न करें।
रानी रूपमती महल
मांडू की घूमने वाली जगहों में शामिल रानी रूपमती महल ताजमहल की ही प्यार की निशानी है। राजा बाज बहादुर, एक युवती रूपमती से बहुत प्यार करता था, जो एक गायिका थी। इस प्यार को दुनियाभर को जताने के मकसद से बाज बहादुर ने एक महल बनवाया था, जिसे रानी रूपमती महल नाम दिया गया। इस महल को मांडू की सबसे ऊंची जगह पर बनाया गया है। जहां पहुंचकर मांडू के साथ ही नर्मदा नदी का भी खूबसूरत नजारा देख सकते हैं। यहां आकर महल देखे बिना न जाएं क्योंकि ये बेहद खूबसूसरत है और राजा बाज बहादुर का रूपमती के लिए प्यार इस महल में आकर आप देख सकते हैं।
कैसे पहुंचे मांडू?
मध्य प्रदेश में स्थित मांडू ज्यादातर शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। यहां रेल, सड़क और फ्लाइट हर एक मोड से पहुंचा जा सकता है।
– अगर आप फ्लाइट से यहां आने की सोच रहे हैं, तो सबसे नजदीक एयरपोर्ट इंदौर है। जहां से मांडू की दूरी लगभग 100 किमी है। एयरपोर्ट से इंदौर से बस या टैक्सी बुक करके मांडू पहुंच सकते हैं।
– अगर आप ट्रेन से यहां आना चाहते हैं, तो सबसे पास रतलाम रेलवे स्टेशन है, जो मांडू से लगभग 124 किमी दूर है। रेलवे स्टेशन से मांडू शहर के लिए आपको आसानी से टैक्सी मिल जाएगी।
– मध्य प्रदेश के बड़े शहरों जैसे- भोपाल, इंदौर, जबलपुर से मांडू के लिए हमेशा ही बसें चलती हैं।