संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बुधवार को गाजा में संघर्ष विराम को लेकर एक प्रस्ताव लाया गया, लेकिन यह पारित नहीं हो सका। क्योंकि अमेरिका ने इस पर वीटो लगा दिया। इस तरह बाइडन प्रशासन ने एक बार फिर उस अंतरराष्ट्रीय प्रयास को रोक दिया, जिसका लक्ष्य गाजा में 13 महीने से जारी इजरायल-हमास संघर्ष को रोकना था।
15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद के दस अस्थायी सदस्यों की ओर से इस प्रस्ताव को आगे बढ़ाया गया था। इसमें तत्काल, बिना शर्त और स्थायी संघर्ष विराम की अपील की गई थी। बंधकों की रिहाई को लेकर अलग से मांग की गई थी। परिषद के पांच स्थायी सदस्यों में से केवल अमेरिका ने प्रस्ताव पर वीटो लगाया।
बंधकों की तत्काल रिहाई की बात कही
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका के उप राजदूत राबर्ट वुड ने कहा कि वाशिंगटन यह स्पष्ट कर चुका है कि वह केवल उस प्रस्ताव का समर्थन करेगा, जिसमें संघर्ष विराम के तहत बंधकों की तत्काल रिहाई की बात कही गई हो।
बता दें कि सात अक्टूबर, 2023 को हमास ने इजरालय में बड़े पैमान पर हमला किया था। इसमें करीब 1200 लोग मारे गए थे और 250 से ज्यादा लोगों को अगवा कर लिया गया था। तब से इजरायल ने गाजा में हमास के खिलाफ सैन्य अभियान छेड़ रखा है। इसमें अब तक करीब 44 हजार लोग मारे जा चुके हैं। इस बीच, इजरायल-हिजबुल्ला संघर्ष को खत्म कराने के प्रयास में अमेरिकी दूत अमोस होचस्टीन इजरायल जा रहे हैं। जबकि हिजबुल्ला प्रमुख ने अमेरिकी प्रस्ताव की दोबारा समीक्षा कराने की बात कही है।
गाजा में 33 और सीरिया में 36 की मौत
इजरायली सेना ने गाजा पट्टी में बुधवार को फिर कई हवाई हमलों को अंजाम दिया। इनमें एक बचावकर्मी समेत 33 फलस्तीनी मारे गए। स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, उत्तरी गाजा के जबालिया में एक घर पर हमले में 12 लोग मारे गए और दस लापता हैं। अल-मवासी में एक लड़की समेत सात लोगों की जान गई।
पलमीरा में 36 लोग मारे गए और 50 से अधिक घायल
गाजा सिटी के समीप एक हमला किया गया, जहां चार लोग मारे गए। जबकि मध्य गाजा में एक शरणार्थी स्थल पर हमले में तीन लोगों की मौत हुई और 20 घायल हो गए। इधर, सीरिया के ऐतिहासिक शहर पलमीरा में 36 लोग मारे गए और 50 से अधिक घायल हो गए। सीरिया ने इस हमले के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया है। जबकि इजरायली सेना ने इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं की है।
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