इंदौर से बुधनी रेलवे लाइन बिछाने के लिए 2018 में परियोजना का भूमि पूजन किया गया था। इस दौरान वर्ष 2024 तक परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन, भूमि अधिग्रहण न होने से अर्थवर्क का कार्य शुरू नहीं हो सका था।
इंदौर-बुधनी रेल परियोजना कार्य में अब तेजी आएगी। प्रशासन ने क्षेत्र के गांव बगवाड़ा के 39 किसानों की 26.11 हेक्टेयर भूमि का अतिक्रमण हटाकर भूमि रेलवे विभाग के सुपुर्द कर दी है। प्रशासन द्वारा जमीन अधिग्रहण के लिए फसल कटाई का इंतजार किया जा रहा था।
किसानों के खेत खाली होते ही एसडीएम मदन सिंह रघुवंशी, एसडीओपी दीपक कपूर, थाना प्रभारी जीएस दांगी, महेंद्र गौढ़ भैरूंदा व गोपालपुर थाने के दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे और अधिग्रहित भूमि से किसानों का कब्जा हटाया। हालांकि, इस दौरान किसानों का विरोध एक बार फिर देखने को मिला, लेकिन प्रशासन ने सरकारी गाइडलाइन के मुताबिक किसानों के खातों में राशि का हस्तांतरण कर दिया है।
एसडीएम ने बताया कि अभी भी अनुभाग के तहत 4 गांव– झकलॉय, ससली, बोरखेड़ा व पांडागांव के किसानों की भूमि का अधिग्रहण किया जाना है। बगवाड़ा में दो किसानों के खेतों में फसल खड़ी होने पर उन्हें कुछ दिन का समय और दिया गया है।
इंदौर-बुधनी रेलवे लाइन बिछाने के लिए 7 साल पहले हुआ था भूमि पूजन
दरअसल, इंदौर से जबलपुर की दूरी कम करने और इंदौर से बुधनी रेलवे लाइन बिछाने के लिए 2018 में परियोजना का भूमि पूजन किया गया था। इस दौरान वर्ष 2024 तक परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन भूमि अधिग्रहण न होने से अर्थवर्क का कार्य शुरू नहीं हो सका था। रेलवे विभाग को अधिग्रहित भूमि किसानों से लेने में विवाद का सामना करना पड़ रहा था, जिसके चलते प्रशासन को मौके पर पहुंचकर अधिग्रहित भूमि से कब्जा हटाकर रेलवे विभाग को सौंपना पड़ रहा है।
पुल-पुलियाओं का हो चुका है निर्माण
बता दें कि वर्ष 2023 के रेलवे बजट में केंद्र सरकार ने 514 करोड़ की राशि इस परियोजना के लिए स्वीकृत की थी, जिसके चलते सरकारी रास्तों पर पुल-पुलियाओं का निर्माण किया जा चुका है। वर्ष 2024-25 के लिए इस परियोजना में 1107.25 करोड़ का परिव्यय आवंटित किया गया है। इस परियोजना में कुल 3261.82 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। यह परियोजना कुल 205 किमी लंबी है। रेलवे लाइन इंदौर जिले में 20 किमी, देवास में 112 किमी और सीहोर जिले में 66 किमी क्षेत्र में बिछाई जानी है। इससे प्रतिदिन हजारों लोगों को इंदौर से जबलपुर तक सफर करने में कम दूरी का फायदा मिलेगा।
बगवाड़ा की 26.11 हेक्टेयर भूमि रेलवे को सौंपी, 4 गांव से और हटाना है कब्जा
शुक्रवार को अर्थवर्क करने बगवाड़ा भूमि अधिग्रहण करने पहुंची रेलवे विभाग की टीम को किसानों के विरोध का सामना करना पड़ा था। जिसके चलते शनिवार को प्रशासनिक अमला दल-बल के साथ मौके पर पहुंचा। इस दौरान बगवाड़ा गांव के 39 किसानों की 26.11 हेक्टेयर भूमि प्रशासन ने कब्जे में लेते हुए जेसीबी से खेत में खुदाई शुरू की। रेलवे विभाग द्वारा जमीन पर शीघ्र ही अर्थवर्क की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। अभी भी झकलॉय, बोरखेड़ा, ससली व पांडागांव की 70 हेक्टेयर से अधिक भूमि का अधिग्रहण किया जाना शेष है। एसडीएम मदन सिंह रघुवंशी ने बताया कि प्रशासनिक अमला इसी सप्ताह में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया अंतिम रूप देगा।
भैरूंदा तहसील के 13 गांव से गुजरेगी रेलवे लाइन
बुधनी-इंदौर रेलवे लाइन भैरूंदा तहसील के 13 गांवों से होकर गुजरेगी, जिसके लिए रेलवे विभाग के द्वारा स्थानीय प्रशासन के सहयोग से 220 हेक्टेयर में से 150 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की जा चुकी है। योजना के तहत अधिग्रहित 404 किसानों में से 330 किसानों के खातों में कुल 1 अरब 13 करोड़ 97 लाख का मुआवजा रेलवे विभाग के द्वारा दिया जा चुका है। 38 किसान ऐसे हैं जिन्होंने कम मुआवजा राशि दिए जाने व बंटांकन को लेकर अपनी आपत्तियां दर्ज कराई थीं।
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