इंदौर पुलिस ने 70 करोड़ रुपये की मिथाइलीनडाइऑक्सी मेथैमफेटामाइन (एमडीएमए) के साथ पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने मुख्य आरोपी की पहचान देवास के रहने वाले है वेद प्रकाश व्यास के रूप में की थी, जो कि एक दवा कंपनी में काम करता था।
आरोपी से पूछताछ में सामने आया कि उसकी एक फैक्ट्री तेलंगाना में है, जिसकी सूचना इंदौर पुलिस ने तेलंगाना पुलिस को दी। इसके बाद अब तेलंगाना पुलिस ने माफिया वेदप्रकाश व्यास की फैक्टरी में दबिश दी।
आरोपी की फैक्टरी से तेलंगाना पुलिस ने कुछ चीजें जब्त की हैं, लेकिन वहां एमडीएमए नहीं मिली है। जानकारी के अनुसार व्यास माल कहीं और रखता था। हालांकि, पुलिस को व्यास की फैक्ट्री में कुछ फार्मूले मिले हैं। एेसे में ये माना जा रहा है कि ये फार्मूले एमडीएमए बनाने के लिए हो सकते हैं। इस सिलसिले में अब इंदौर पुलिस की एक टीम भी तेलंगाना स्थित व्यास की फैक्ट्री जाकर जांच करेगी।
एडीजी योगेश देशमुख और आईजी हरिनारायणाचारी मिश्र के बताया कि पकड़े गए आरोपियों से गुरुवार यानी आज पूछताछ की जाएगी। उन्हें पांच दिनों के लिए रिमांड पर रखा जाएगा। फिलहाल आरोपियों से जानकारी मिली है कि वे ड्रग्स की सप्लाई के लिए कोड वर्ड में बातें करते थे और अब तक 100 करोड़ रुपए से ज्यादा का माल खपा चुके हैं। ये आंकड़ा अंतरराष्ट्रीय कीमत का है। इंडियन मार्केट में इसकी कीमत कम होती है। लॉकडाउन के दौरान भी यह गैंग माल सप्लाई करने में सक्रिय थी।
अफसरों ने बताया कि सभी आरोपियों के स्वजनों और रिश्तेदारों की प्रॉपर्टी डीटेल निकालने की जिम्मेदारी क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई है। उनकी सालभर की कॉल डिटेल की जांच भी होगी। इस जांच से यह पता लगाने का प्रयास होगा कि आरोपितों के साथ उनके अपराध में और कौन-कौन लोग शामिल थे। जांच में यदि ये सामने आया कि आरोपितों के रिश्तेदारों की प्रॉपर्टी ड्रग्स के रुपयों से बनाई गई है तो उनकी संपत्तियों को सीज किया जाएगा। इसके अलावा यदि प्रॉपर्टी अवैध हुईं तो उन्हें तोड़ दिया जाएगा। आरोपियों के बैंक खातों की भी जानकारी निकाली जा रही है।