आस्था के नाम पर अधर्मः इन बाबाओं की ‘करतूत’ कर रही इंसानियत को भी शर्मसार

 स्वयंभू बाबाओं में शुमार रहे आसाराम और रामरहीम को कोर्ट द्वारा कड़ी सजा देने के बाद भी आस्था के नाम पर लोगों का मानसिक और शारीरिक शोषण करने वाले बाबाओं-गुरुओं का दिल्ली-एनसीआर में खेल जारी है।  इन फर्जी, ढोंगी एवं स्वयंभू बाबाओं की सूची में अब आसिफ खान उर्फ आशु गुरुजी का नाम भी शामिल हो गया है। इससे पहले शनिधाम के मुखिया दाती महाराज और दिल्ली के रोहिणी में आध्यात्मिक विश्वविद्यालय चलाने वाला तथाकथित बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित, दोनों ही अपनी साध्वियों-शिष्याओं से दुष्कर्म के आरोप में फंस चुके हैं। हैरानी की बात है कि तीनों ही मामलों में महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटनाओं इन तथाकथित बाबाओं के आश्रम में ही हुईं। 

बाबा वीरेंद्र देव दीक्षितः गुप्त प्रसाद के नाम पर करता था लड़कियों से करता था गंदा काम
राम रहीम को सजा होने के बाद लगने लगा था कि फर्जी और तथाकथित कुकर्मी बाबाओं की संख्या में कमी आएगी या फिर वे महिलाओं-लड़कियों के साथ घिनौना काम बंद कर देंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इस बीच लोग फिर सकते में आ गए, जब दिल्ली के रोहिणी में आध्यात्मिक विश्वविद्यालय चलाने वाले बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित पर उसी की शिष्या-साध्वी ने दुष्कर्म करने का आरोप लगाया। कहा तो यहां तक जा रहा है कि बाबा सोलह हजार एक सौ आठ लड़कियों के साथ कुकर्म करना चाहता था। आश्रम के अंदर सुरंग में बने कमरे में लड़कियों को गुप्त प्रसाद देने के बहाने बाबा दुष्कर्म व अश्लील हरकतों पर उतर आता था। बहरहाल, बाबा भूमिगत है और कई महीनों से इसे तलाश कर रही है।

दाती महाराजः भाइयों ने भी बनाया महिला को हवस का शिकार

श्रद्धा और विश्वास के नाम पर चल रहे बाबाओं के इन आश्रमों में महिलाओं से घिनौना काम भी हो सकता है, इसकी शायद किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी। लेकिन इस कड़ी में दक्षिण दिल्ली के फतेहपुर बेरी में स्थित शनिधाम मंदिर आश्रम में भी महिला के साथ गंदा काम हुआ। 25 वर्षीय शिष्या ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया गया था कि शनि धाम मंदिर के अंदर दाती महाराज ने दो साल पहले उसके साथ दुष्कर्म किया था और इसके बारे में किसी को भी न बताने की धमकी दी थी।

इस बाबत दक्षिणी दिल्ली के फतेहपुर बेरी थाने में पच्चीस वर्षीय युवती ने बीते 10 जून को दाती महाराज के खिलाफ शिकायत दी थी। हैरानी की बात है कि युवती ने पुलिस को यह भी बताया कि वह करीब एक दशक से महाराज की अनुयायी थी, लेकिन महाराज और चेलों द्वारा बार-बार दुष्कर्म किए जाने के बाद वह अपने घर राजस्थान लौट गई थी। फिलहाल क्राइम ब्रांच के पास, लेकिन आधा दर्जन बार पूछताछ करने वाली पुलिस उसे गिरफ्तार तक नहीं कर सकी है। ऐसे में सबके मन में यही सवाल उठ रहा है कि दाती महाराज को पुलिस क्यों नहीं गिरफ्तार कर रही है? क्या पुलिस पर किसी तरह का दबाव है?

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