देश के अलग-अलग राज्‍यों में सुरक्षा बलों के ऑपरेशन प्रहार की वजह से सिमट रहे नक्सली एक बार फिर कैडर को खड़ा करने में जुटे है. 'आजतक' को मिली जानकारी में खुलासा हुआ है कि नक्सली अब अपने कैडर को दोबारा खड़ा करने के लिए कई राज्यों में भर्ती अभियान चला रहे हैं. वहीं हथियारों की ट्रेनिंग के लिए उनको "आर्म्स ट्रेनिंग बुकलेट" भी मुहैया करा रहे हैं. ये आर्म्स ट्रेनिंग बुकलेट नक्सली कमांडरों के टेक्‍निकल ग्रुप ने तैयार किया है. सूत्रों ने जानकारी दी है कि नक्सली लगातार सुरक्षाबलों के ऑपरेशन से अलग-थलग पड़ चुके हैं. वह जंगलों में अपने कैडर को ट्रेनिंग देने में सक्षम नहीं हैं इसलिए नक्सलियों ने नई मिलिट्री ट्रेनिंग देने के लिए तकनीक का सहारा लेना शुरू कर दिया है. हथियार बनाने की ट्रेनिंग सूत्रों के मुताबिक नक्सलियों ने दंतेवाड़ा के जंगलों में रह रहे अपने कुछ कैडर को आर्मी ट्रेनिंग से जुड़ी हुई बुकलेट मुहैया कराई हैं. यह बुकलेट छोटे स्तर नक्सली कैडर को हथियारों की ट्रेनिंग, बम बनाने की ट्रेनिंग, लैंडमाइन ट्रिगर बनाने की ट्रेनिंग और रिमोट कंट्रोल ऑपरेट करने की ट्रेनिंग देने के लिए बनाई गई है. सूत्रों के मुताबिक इस बुकलेट में सचित्र विवरण भी दिया गया है कि किस तरीके से नक्सली इस बुकलेट का सहारा लेकर अपने लिए खतरनाक हथियार बना सकते हैं. सुरक्षाबलों ने इस बात को लेकर जिन इलाकों में इस तरीके की बुकलेट पाई है, वहां अलर्ट जारी किया हुआ है. इसके साथ ही इसके प्रभाव की जानकारी हासिल की जा रही है. ओडि़शा की जंगलों में दे रहे ट्रेनिंग सुरक्षाबलों के सूत्रों ने 'आज तक' को जानकारी दी है कि ओडि़शा में नक्सली मल्कानगिरि के जंगलों में खतरनाक हथियारों की ट्रेनिंग अपने नक्सली कैडर को दे रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक नक्सली कमांडर चिंकुडु उर्फ चिन्ना 40 नक्सली कैडर को धनुष बाण चलाने की ट्रेनिंग देकर उन्हें मिलिशिया के तौर पर तैयार कर रहा है. यह 40 मिलिशिया नक्सली सुरक्षाबलों के खिलाफ धनुष बाण से हमला कर उन को निशाना बना सकते हैं. दरअसल, हाल के दिनों में पाया गया है कि नक्सली तीर कमान के ऊपर विस्फोटक पदार्थ भी लगाते हैं. जिससे दूर से ही निशाना साध कर सुरक्षाबलों पर हमला किया जा सकता है. इसी तकनीक को देखते हुए नक्सली कमांडर अब तीर कमान चलाने वाले नक्सली मिलिशिया को तैयार कर रहे हैं. सुरक्षाबलों के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बालाघाट के नजदीक मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ बॉर्डर पर नक्सलियों के एक ग्रुप ने 1 सप्ताह का ट्रेनिंग कैंप नक्सली भर्ती करने के लिए लगाया था. यह ट्रेनिंग कैंप राजनादगांव जिले के बकर कट्टा के जंगलों में लगाया गया था. यही नहीं, नक्सली मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के इस इलाके में लोगों को नक्सली के तौर पर भर्ती होने के लिए ब्रेनवाश भी कर रहे हैं.

आर्म्स ट्रेनिंग बुकलेट से नक्‍सली सीख रहे हथियार चलाना

देश के अलग-अलग राज्‍यों में सुरक्षा बलों के ऑपरेशन प्रहार की वजह से सिमट रहे नक्सली एक बार फिर कैडर को खड़ा करने में जुटे है. ‘आजतक’ को मिली जानकारी में खुलासा हुआ है कि नक्सली अब अपने कैडर को दोबारा खड़ा करने के लिए कई राज्यों में भर्ती अभियान चला रहे हैं. वहीं हथियारों की ट्रेनिंग के लिए उनको “आर्म्स ट्रेनिंग बुकलेट” भी मुहैया करा रहे हैं.देश के अलग-अलग राज्‍यों में सुरक्षा बलों के ऑपरेशन प्रहार की वजह से सिमट रहे नक्सली एक बार फिर कैडर को खड़ा करने में जुटे है. 'आजतक' को मिली जानकारी में खुलासा हुआ है कि नक्सली अब अपने कैडर को दोबारा खड़ा करने के लिए कई राज्यों में भर्ती अभियान चला रहे हैं. वहीं हथियारों की ट्रेनिंग के लिए उनको "आर्म्स ट्रेनिंग बुकलेट" भी मुहैया करा रहे हैं.  ये आर्म्स ट्रेनिंग बुकलेट नक्सली कमांडरों के टेक्‍निकल ग्रुप ने तैयार किया है. सूत्रों ने जानकारी दी है कि नक्सली लगातार सुरक्षाबलों के ऑपरेशन से अलग-थलग पड़ चुके हैं. वह जंगलों में अपने कैडर को ट्रेनिंग देने में सक्षम नहीं हैं इसलिए नक्सलियों ने नई मिलिट्री ट्रेनिंग देने के लिए तकनीक का सहारा लेना शुरू कर दिया है.  हथियार बनाने की ट्रेनिंग  सूत्रों के मुताबिक नक्सलियों ने दंतेवाड़ा के जंगलों में रह रहे अपने कुछ कैडर को आर्मी ट्रेनिंग से जुड़ी हुई बुकलेट मुहैया कराई हैं. यह  बुकलेट छोटे स्तर नक्सली कैडर को हथियारों की ट्रेनिंग, बम बनाने की ट्रेनिंग, लैंडमाइन ट्रिगर बनाने की ट्रेनिंग और रिमोट कंट्रोल ऑपरेट करने की ट्रेनिंग देने के लिए बनाई गई है. सूत्रों के मुताबिक इस बुकलेट में सचित्र विवरण भी दिया गया है कि किस तरीके से नक्सली इस बुकलेट का सहारा लेकर अपने लिए खतरनाक हथियार बना सकते हैं.  सुरक्षाबलों ने इस बात को लेकर जिन इलाकों में इस तरीके की बुकलेट पाई है, वहां अलर्ट जारी किया हुआ है. इसके साथ ही इसके प्रभाव की जानकारी हासिल की जा रही है.  ओडि़शा की जंगलों में दे रहे ट्रेनिंग  सुरक्षाबलों के सूत्रों ने 'आज तक' को जानकारी दी है कि ओडि़शा में नक्सली मल्कानगिरि के जंगलों में खतरनाक हथियारों की ट्रेनिंग अपने नक्सली कैडर को दे रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक नक्सली कमांडर चिंकुडु उर्फ चिन्ना 40 नक्सली कैडर को धनुष बाण चलाने की ट्रेनिंग देकर उन्हें मिलिशिया के तौर पर तैयार कर रहा है. यह 40 मिलिशिया नक्सली सुरक्षाबलों के खिलाफ धनुष बाण से हमला कर उन को निशाना बना सकते हैं.  दरअसल, हाल के दिनों में पाया गया है कि नक्सली तीर कमान के ऊपर विस्फोटक पदार्थ भी लगाते हैं. जिससे दूर से ही निशाना साध कर सुरक्षाबलों पर हमला किया जा सकता है. इसी तकनीक को देखते हुए नक्सली कमांडर अब तीर कमान चलाने वाले नक्सली मिलिशिया को तैयार कर रहे हैं. सुरक्षाबलों के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बालाघाट के नजदीक मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ बॉर्डर पर नक्सलियों के एक ग्रुप ने 1 सप्ताह का ट्रेनिंग कैंप नक्सली भर्ती करने के लिए लगाया था. यह ट्रेनिंग कैंप राजनादगांव जिले के बकर कट्टा के जंगलों में लगाया गया था. यही नहीं, नक्सली मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के इस इलाके में लोगों को नक्सली के तौर पर भर्ती होने के लिए ब्रेनवाश भी कर रहे हैं.

ये आर्म्स ट्रेनिंग बुकलेट नक्सली कमांडरों के टेक्‍निकल ग्रुप ने तैयार किया है. सूत्रों ने जानकारी दी है कि नक्सली लगातार सुरक्षाबलों के ऑपरेशन से अलग-थलग पड़ चुके हैं. वह जंगलों में अपने कैडर को ट्रेनिंग देने में सक्षम नहीं हैं इसलिए नक्सलियों ने नई मिलिट्री ट्रेनिंग देने के लिए तकनीक का सहारा लेना शुरू कर दिया है.

सूत्रों के मुताबिक नक्सलियों ने दंतेवाड़ा के जंगलों में रह रहे अपने कुछ कैडर को आर्मी ट्रेनिंग से जुड़ी हुई बुकलेट मुहैया कराई हैं. यह  बुकलेट छोटे स्तर नक्सली कैडर को हथियारों की ट्रेनिंग, बम बनाने की ट्रेनिंग, लैंडमाइन ट्रिगर बनाने की ट्रेनिंग और रिमोट कंट्रोल ऑपरेट करने की ट्रेनिंग देने के लिए बनाई गई है. सूत्रों के मुताबिक इस बुकलेट में सचित्र विवरण भी दिया गया है कि किस तरीके से नक्सली इस बुकलेट का सहारा लेकर अपने लिए खतरनाक हथियार बना सकते हैं.

सुरक्षाबलों ने इस बात को लेकर जिन इलाकों में इस तरीके की बुकलेट पाई है, वहां अलर्ट जारी किया हुआ है. इसके साथ ही इसके प्रभाव की जानकारी हासिल की जा रही है.

सुरक्षाबलों के सूत्रों ने ‘आज तक’ को जानकारी दी है कि ओडि़शा में नक्सली मल्कानगिरि के जंगलों में खतरनाक हथियारों की ट्रेनिंग अपने नक्सली कैडर को दे रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक नक्सली कमांडर चिंकुडु उर्फ चिन्ना 40 नक्सली कैडर को धनुष बाण चलाने की ट्रेनिंग देकर उन्हें मिलिशिया के तौर पर तैयार कर रहा है. यह 40 मिलिशिया नक्सली सुरक्षाबलों के खिलाफ धनुष बाण से हमला कर उन को निशाना बना सकते हैं.

दरअसल, हाल के दिनों में पाया गया है कि नक्सली तीर कमान के ऊपर विस्फोटक पदार्थ भी लगाते हैं. जिससे दूर से ही निशाना साध कर सुरक्षाबलों पर हमला किया जा सकता है. इसी तकनीक को देखते हुए नक्सली कमांडर अब तीर कमान चलाने वाले नक्सली मिलिशिया को तैयार कर रहे हैं. सुरक्षाबलों के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बालाघाट के नजदीक मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ बॉर्डर पर नक्सलियों के एक ग्रुप ने 1 सप्ताह का ट्रेनिंग कैंप नक्सली भर्ती करने के लिए लगाया था. यह ट्रेनिंग कैंप राजनादगांव जिले के बकर कट्टा के जंगलों में लगाया गया था. यही नहीं, नक्सली मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के इस इलाके में लोगों को नक्सली के तौर पर भर्ती होने के लिए ब्रेनवाश भी कर रहे हैं.

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