चारा घोटाला मामले में सलाखों के पीछे पहुंचे राष्ट्रीय जनता दल चीफ लालू यादव ने सुनवाई के दौरान केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) कोर्ट से कई शिकायतें की। उन्होंने खुद को एक बड़ा नेता याद बताते हुए कोर्ट से कहा कि उनके साथ सामान्य कैदी की तरह व्यवहार किया गया। कोर्ट ने इसके जवाब में लालू से कहा कि नियम सभी के लिए बराबर होते हैं फिर चाहे वो कोई भी हो। कोर्ट में मौजूद रहे एक चश्मदीद ने बताया कि सुनवाई कर रहे जज शिवपाल सिंह और लालू के बीच कई ऐसी बातें हुई कि माहौल हंसी वाला बन गया था। इस दौरान लालू ने शिकायत करते हुए कहा कि उनके जानकारों से जेल परिसर मिलने नहीं दे रहा है, इस पर जज ने कहा कि जेल के नियमों का पालन करना पड़ेगा। वहीं लालू ने जब सजा 3.5 साल से 2.5 साल करने की कही तो जज ने कहा कि वे ऐसा क्यों करें? जज ने कहा कि ऐसी बातें कोर्ट में न करें।
यह आठवीं बार है जब लालू जेल में हैं, लेकिन यह पहली बार है जब जेल अधिकारी उनपर नियम-कानून थोप रहे हैं। भाजपा शासित रघुबर दास की झारखंड सरकार ने राजद अध्यक्ष को किसी भी तरह का स्पेशल ट्रीटमेंट देने से मना कर दिया है।
बुधवार को लालू ने कोर्ट में एक और दलील देते हुए कहा कि मकर संक्रांति महोत्सव रविवार को है। उन्होंने कहा- हम इसे दही-चूड़ा खाकर धूम-धाम तरीके से मनाते हैं। इसी वजह से उन्हें समर्थकों से मिलने दिया जाए। मगर जज ने उनकी इस बात को नजरअंदाज करते हुए एक फीकी मुस्कान देते हुए कहा कि वो इस बात को सुनिश्चित करेंगे कि उन्हें जेल में दही-चूड़ा मिल जाए।