छत्तीसगढ़ में चुनावी महासमर का बिगूल बज चुका है। आचार संहिता लागू होने के साथ ही चुनाव की तारीखें तय हो चुकी हैं। अब राजनैतिक दल अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर रहे हैं। इस कड़ी में सबसे पहले आम आदमी पार्टी ने अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की है। इस सूची के साथ ही आम आदमी पार्टी ने कांकेर निवासी कोमल हुपेंडी को पार्टी की ओर से सीएम पद का उम्मीदवार बनाया है। 37 वर्षीय हुपेंडी मूल रूप से कांकेर जिले के मुंगवाल गांव के एक आदिवासी कृषक परिवार से ताल्लुक रखते हैं। : Advertisement: : Know More Powered By एमए तक शिक्षा हासिल कर चुके कोमल छत्तीसगढ़ राज्य सेवा के 2005 बैच अधिकारी रहे हैं। वे सहकारिता विस्तार अधिकारी के पद पर साल 2016 तक कार्यरत रहे और फिर इन्होंने नौकरी छोड़कर राजनीति का रूख किया। कोमल ने छत्तीसगढ़ में आदिवासी जनजीवन पर दो पुस्तकें भी लिखी हैं।

आम आदमी पार्टी ने इस युवा को बनाया सीएम पद का उम्मीदवार

छत्तीसगढ़ में चुनावी महासमर का बिगूल बज चुका है। आचार संहिता लागू होने के साथ ही चुनाव की तारीखें तय हो चुकी हैं। अब राजनैतिक दल अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर रहे हैं। इस कड़ी में सबसे पहले आम आदमी पार्टी ने अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की है। छत्तीसगढ़ में चुनावी महासमर का बिगूल बज चुका है। आचार संहिता लागू होने के साथ ही चुनाव की तारीखें तय हो चुकी हैं। अब राजनैतिक दल अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर रहे हैं। इस कड़ी में सबसे पहले आम आदमी पार्टी ने अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की है। इस सूची के साथ ही आम आदमी पार्टी ने कांकेर निवासी कोमल हुपेंडी को पार्टी की ओर से सीएम पद का उम्मीदवार बनाया है। 37 वर्षीय हुपेंडी मूल रूप से कांकेर जिले के मुंगवाल गांव के एक आदिवासी कृषक परिवार से ताल्लुक रखते हैं।  : Advertisement: : Know More Powered By एमए तक शिक्षा हासिल कर चुके कोमल छत्तीसगढ़ राज्य सेवा के 2005 बैच अधिकारी रहे हैं। वे सहकारिता विस्तार अधिकारी के पद पर साल 2016 तक कार्यरत रहे और फिर इन्होंने नौकरी छोड़कर राजनीति का रूख किया। कोमल ने छत्तीसगढ़ में आदिवासी जनजीवन पर दो पुस्तकें भी लिखी हैं।

इस सूची के साथ ही आम आदमी पार्टी ने कांकेर निवासी कोमल हुपेंडी को पार्टी की ओर से सीएम पद का उम्मीदवार बनाया है। 37 वर्षीय हुपेंडी मूल रूप से कांकेर जिले के मुंगवाल गांव के एक आदिवासी कृषक परिवार से ताल्लुक रखते हैं।

एमए तक शिक्षा हासिल कर चुके कोमल छत्तीसगढ़ राज्य सेवा के 2005 बैच अधिकारी रहे हैं। वे सहकारिता विस्तार अधिकारी के पद पर साल 2016 तक कार्यरत रहे और फिर इन्होंने नौकरी छोड़कर राजनीति का रूख किया। कोमल ने छत्तीसगढ़ में आदिवासी जनजीवन पर दो पुस्तकें भी लिखी हैं।

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