सेंसेक्स के सबसे शुरुआती शेयरों में से एक टाटा मोटर्स पर अगले महीने 30 शेयरों वाले बेंचमार्क में अपनी जगह खोने का खतरा मंडरा रहा है। यानी कि टाटा मोटर्स सेंसेक्स के टॉप 30 शेयरों वाली लिस्ट से बाहर हो सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि अक्टूबर में कमर्शियल व्हीकल कारोबार के अलग होने के बाद इसकी मार्केट कैपिटल (एमकैप) भी विभाजित हो गई है।
कौन लेगा टाटा मोटर्स की जगह
देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो की ऑपरेटर इंटरग्लोब एविएशन सेंसेक्स में टाटा मोटर्स की जगह ले सकती है। मार्केट कैपिटल के हिसाब से यह सबसे हाई रैंकिंग वाली कंपनी बनकर उभरी है, जो सेंसेक्स के टॉप 30 शेयरों में शामिल नहीं है।
कितनी रह गयी मार्केट कैपिटल
स्प्लिट होने के बाद, टाटा मोटर्स के कमर्शियल व्हीकल बिजनेस की वैल्यूएशन ₹1.19 लाख करोड़ रह गयी है, जबकि टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स की मार्केट कैपिटल ₹1.37 लाख करोड़ है। इसके उलट, इंडिगो की मार्केट कैपिटल ₹2.27 लाख करोड़ के साथ दोनों से कहीं ऊपर है।
दिसंबर रिव्यू की घोषणा इसी महीने के अंत में होने की उम्मीद है, और इंडेक्स में बदलाव 19 दिसंबर को कारोबार बंद होने से प्रभावी होंगे।
पहले भी बाहर हुई है टाटा मोटर्स
अगर टाटा मोटर्स सेंसेक्स से बाहर होती है, तो ऐसा पहला मामला नहीं होगा। बता दें कि दिसंबर 2019 में अनिश्चित बिजनेस विजिबिलिटी और हाई डेट के चलते में शेयर बाजार में खराब प्रदर्शन के बीच भी कंपनी को हटा दिया गया था। इसके बाद दिसंबर 2022 में इंडेक्स में इसे फिर से शामिल किया गया।
और किन शेयरों को किया गया बाहर
सेंसेक्स की शुरुआत 1 जनवरी, 1986 को हुई थी और इसकी बेस वैल्यू 100 थी। मूल 30 शेयरों में से केवल तीन – रिलायंस इंडस्ट्रीज, हिंदुस्तान यूनिलीवर और आईटीसी – ही अब तक इसके सदस्य बने हुए हैं। लार्सन एंड टुब्रो, टाटा स्टील, टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा जैसे अन्य शुरुआती नाम आज भी इसमें शामिल हैं, मगर इन्हें समय-समय पर हटाया और फिर से शामिल किया गया है।
इंफोसिस और भारतीय स्टेट बैंक सबसे लंबे समय से सेंसेक्स में शामिल हैं। हालाँकि दोनों ही सेंसेक्स की शुरुआत के बाद इसमें शामिल हुए थे।
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