आपके किचन में मौजूद इन पांच मसालों से कम करेंगे कैंसर के खतरे को करें दूर

आपका रसोईघर यानी किचन बहुत सारे औषधीय तत्वों से भरा हुआ है. ये तत्व आपकी कई तरह की पुरानी बीमारियों से लड़ने में काफी मदद करते हैं.  रसाई के मसाले हमारे खाने को स्वादिष्ट तो बनाते ही हैं साथ ही साथ इनका सीमित सेवन हमारे शरीर के लिए फायदेमंद भी रहता है. कुछ भारतीय मसाले ऐसे होते हैं जिनमे कैंसर से बचाने वाले गुण पाये जाते हैं. ऐसे मसालों का रोजाना सेवन कैंसर के खतरे को कम करता है. आइए जानते हैं इन मसालों के बारे में

हल्दी

हल्दी एक ऐसा गोल्डन मसाला है जो कि औषधीय गुणों से भरपूर होता है. एक्सपर्ट्स लंबे समय से हल्दी के औषधीय और एंटी-इंफ्लामेटरी गुणों को सराहते आए हैं. हल्दी वाला दूध सेहत के लिए काफी अच्छा माना जाता है. हल्दी के इन फायदों के पीछे इसमें मौजूद करक्यूमिन है. करक्यूमिन एक ऐसा यौगिक है, जो शरीर में एंटीऑक्सीडेंट एक्टिविटी को बढ़ाता है.  हल्दी डायबिटीज और कैंसर से लड़ने में भी काफी मददगार होती है.

दालचीनी

दालचीनी में पाये जाने वाले ग्लूकोज -6 फॉस्फेट डिहाइड्रोजिनीज एंजाइम के कारण फ्री रेडिकल से होने वाले ऑक्सीडेटिव डैमेज से बचाते हैं. इसके अलावा एक रिसर्च में ये बात भी सामने आई है कि ये हेलीकोबक्टेर पाइलोरी नामक बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकती है. ये बैक्टीरिया कैंसर को बढ़ाने में मदद करता है.

लौंग

लौंग में पाये जाने वाले टैनिन्स, यूगेनोल नामक यौगिक कैंसर से बचाने में मदद करते हैं. ये कोशिकाओं को ऐसे हानिकारक यौगिकों से लड़ने की क्षमता प्रदान करते हैं.

जायफल

जायफल एक मसाला होता है, जो कि आमतौर पर खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. ये डायबिटीज, मानसिक स्वास्थय और बल्ड प्रेशर को कंट्रोल करने में भी मदद करता है. आप इसके स्वास्थय लाभों का फायदा उठाने के लिए डेली डाइट में इसको सीमित मात्रा में शामिल कर सकते है.

जीरा

जीरा लगभग हर भारतीय किचन में मिलता ही है. ये एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्रामेंलिट्री गुणों से भरपूर होता है. कई स्टडी में इस बात का दावा किया गया है कि जीरा ट्यूमर के विकास को रोकने में मदद करता है. साथ ही यह पित्त, पेट के एसिड और अन्य पाचन एंजाइमों के उत्पादन का कार्य करता है.

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